पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध, हजारों आतंकवादी हमले कर सिंधु जल संधि की भावना का उल्लंघन किया: भारत

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 24-05-2025
Pakistan violated the spirit of Indus Water Treaty by waging three wars and launching thousands of terrorist attacks on India: India
Pakistan violated the spirit of Indus Water Treaty by waging three wars and launching thousands of terrorist attacks on India: India

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
भारत ने सिंधु जल संधि पर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दुष्प्रचार की धज्जियां उड़ाते हुए कहा है कि पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले करके इस संधि की भावना का उल्लंघन किया है.
 
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हम सिंधु जल संधि के संबंध में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का जवाब देने के लिए बाध्य हैं. भारत ने नदी के ऊपरी तट पर स्थित देश होने के नाते हमेशा जिम्मेदाराना तरीके से काम किया है.’’
 
हरीश ने स्लोवेनिया के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. इस बैठक का विषय ‘सशस्त्र संघर्ष के बीच जल की सुरक्षा - आम नागरिकों के जीवन की सुरक्षा’ था.
 
हरीश ने पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार को उजागर करने के लिए चार पहलुओं पर प्रकाश डाला.
 
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद भारत ने निर्णय लिया था कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा. इस आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे.
 
हरीश ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कहा कि भारत ने 65 साल पहले सद्भावना के साथ सिंधु जल संधि की थी.
 
उन्होंने कहा कि संधि की प्रस्तावना में कहा गया है कि इसे ‘सद्भावना और मैत्री की भावना से’ किया गया.
 
हरीश ने कहा कि इन साढ़े छह दशकों के दौरान, ‘‘पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले कर संधि की भावना का उल्लंघन किया है.’’
 
भारतीय दूत ने रेखांकित किया कि पिछले चार दशकों में आतंकवादी हमलों में 20,000 से अधिक भारतीयों की जान गई, जिनमें से सबसे हालिया हमला पहलगाम में पर्यटकों पर किया गया नृशंस आतंकवादी हमला था.
 
हरीश ने कहा कि भारत ने इस पूरी अवधि में असाधारण धैर्य और उदारता दिखाई है, फिर भी पाकिस्तान द्वारा भारत में प्रायोजित ‘‘सीमा पार आतंकवाद का उद्देश्य आम नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को नुकसान पहुंचाना’’ रहा है.
 
हरीश ने बताया कि भारत ने पिछले दो साल में कई मौकों पर पाकिस्तान से संधि में संशोधनों पर चर्चा करने के लिए औपचारिक रूप से कहा लेकिन इस्लामाबाद इससे इनकार करता रहा है.
 
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान का बाधा डालने वाला दृष्टिकोण भारत द्वारा वैध अधिकारों के पूर्ण उपयोग को रोकता है.’’
 
हरीश ने कहा कि इसके अलावा, पिछले 65 साल में न केवल सीमा पार आतंकवादी हमलों के माध्यम से बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के संदर्भ में, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, जलवायु परिवर्तन और जनसांख्यिकीय परिवर्तन की बढ़ती आवश्यकताओं के संदर्भ में भी दूरगामी मौलिक परिवर्तन हुए हैं.
 
उन्होंने कहा, ‘‘बांध के बुनियादी ढांचे के लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव किया गया है ताकि पानी के उपयोग एवं संचालन की दक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. कुछ पुराने बांध को लेकर सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंताएं है.’’
 
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान इस बुनियादी ढांचे में संधि के तहत स्वीकार्य किसी भी बदलाव और प्रावधानों में किसी भी संशोधन को ‘‘लगातार रोकता’’ रहा है.
 
उन्होंने कहा कि 2012 में आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तुलबुल नौवहन परियोजना पर भी हमला किया था.
 
हरीश ने कहा, ‘‘ये निंदनीय कृत्य हमारी परियोजनाओं और आम नागरिकों के जीवन की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं.’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘इसी पृष्ठभूमि में भारत ने आखिरकार घोषणा की है कि जब तक आतंकवाद का वैश्विक केंद्र पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं कर देता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी. यह स्पष्ट है कि यह पाकिस्तान ही है जो सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है.’’
 
इससे पहले दिन में, हरीश ने ‘सशस्त्र संघर्ष के दौरान आम नागरिकों की सुरक्षा’ विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में पाकिस्तान को कड़ी प्रतिक्रिया दी.
 
उन्होंने पाकिस्तान के ‘‘घोर पाखंड’’ की निंदा करते हुए कहा कि एक ऐसा देश जो आतंकवादियों और आम नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं करता, उसके पास आम नागरिकों की सुरक्षा पर बात करने का कोई हक नहीं है.
 
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया तथा भारत एवं पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष के बारे में बात की. हरीश ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत ने दशकों से अपनी सीमाओं पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना किया है.
 
उन्होंने कहा, ‘‘इनमें मुंबई शहर पर नवंबर 2008 में हुए भयानक हमले से लेकर अप्रैल 2025 में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बर्बर सामूहिक हत्या तक हुए हमले शामिल हैं.’’
 
हरीश ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी आतंकवाद के शिकार मुख्य रूप से आम नागरिक रहे हैं क्योंकि इसका उद्देश्य हमारी समृद्धि, प्रगति और मनोबल पर हमला करना रहा है. ऐसे देश का आम नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है.’’
 
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों पर सटीक हमले किए थे. इसके बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया. भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया.
 
दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच 10 मई को वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी.
 
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए बार-बार आम नागरिकों की ढाल का इस्तेमाल किया है.