ईद के पैसे से ऑक्सीजनः लोगों की जानें बचाकर ईद से ज्यादा खुशी पाई

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 19-05-2021
फ्रेंड्स क्लब के सदस्य
फ्रेंड्स क्लब के सदस्य

 

भिलाई, (छत्तीासगढ़). कोरोना महामारी ने बहुत कुछ सिखाया है, जिसमें जरूरतमंदों की मदद करना और ऑक्सीजन का प्रबंधन करना शामिल है. जब देश भर में कोरोना लोगों का दम घोंटकर तड़प-तड़प कर मरने के लिए मजबूर कर रहा था, तब  भिलाई के कुछ लोगों ने अन्य लोगों की मदद से एक ऑक्सीजन बैंक की स्थापना की.

हालांकि इस ग्रुप के ज्यादातर लोग मुसलमान हैं, लेकिन वे मदद के मामले में किसी धर्म, जाति या नस्ल को नहीं देखते हैं और हर इंसान की मदद के लिए आगे आते हैं. कुछ परोपकारी लोगों ने फ्रेंड्स क्लब के बैनर तले काम करना शुरू किया और अब तक 70 से अधिक लोगों की जान बचाई हैं.

दिलचस्प बात यह है कि इसे ईद-उल-फितर पर खर्च करने के बजाय, उन्होंने इस पैसे को ऑक्सीजन पर खर्च किया और लोगों की जानें बचाकर ईद से ज्यादा खुशी पाई. 

सात साल पहले बने क्लब के माध्यम से सदस्यों ने बहुत से सामाजिक कार्य किए हैं, लेकिन इस आफत के दौरान उन्होंने लोगों के जीवन को दम घुटने से मरते हुए देखकर मदद करने के लिए एक साथ आने का फैसला किया.

मुश्किल हालात को देखते हुए ग्रुप एडमिन ए हैदर और परवेज अशरफ ने एक मैसेज भेजा और कुछ ही मिनटों में सदस्यों ने 9 ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर मशीन खरीदने के लिए पैसे जुटा लिए. पिछले महीने शुरू हुई ऑक्सीजन बैंक सेवा अब तक 70 से ज्यादा लोगों की जान बचा चुकी है.

एडमिन ए. हैदर ने समझाया, “यह किसी के समाज या समुदाय को देखकर मदद करने का समय नहीं है.” हैदर, परवेज अशरफ और मोहम्मद हन्नान ने कहा कि उनका समूह गरीब बच्चों की स्कूल फीस से लेकर गरीब बेटियों की शादी तक सब कुछ मैनेज करता है. साथ ही वह ब्लड बैंक में रक्तदान कर लगातार मानवता की सेवा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इस ईद पर भी उन्होंने संकल्प लिया कि नए कपड़े या अन्य चीजों पर खर्च करने के बजाय वह जरूरतमंदों की मदद के लिए पैसे खर्च करेंगे और वे सभी इस नेक काम में लगे हुए हैं. उनका मानना है कि अगर भगवान को प्रसन्न करना है, तो जरूरतमंदों की मदद और प्रार्थना करनी चाहिए, क्योंकि जो खुद से ज्यादा दूसरों की खुशी की परवाह करते हैं, भगवान उन पर दया करते हैं.