मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान के बाद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को कहा था कि लिंचिंग में शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. भागवत ने कहा कि लोकतंत्र में हिंदुओं या मुसलमान किसी एक का वर्चस्व नहीं हो सकता है.
भागवत के इस बयान को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तहादुल मुसलमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने संघप्रमुख पर हमला बोला है.
ओवैसी ने ट्वीट करते हुए संघ प्रमुख पर तंज किया और लिखाः ''आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी. इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक,पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे. ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है.''
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021
उधर, कांग्रेस के विवादित वरिष्ठ नेता और दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर पूछा, ''मोहन भागवत यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?"
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 5, 2021
लेकिन, इसके उलट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मोहन भागवत के बयान का स्वागत किया है.
(file pic) pic.twitter.com/HlrbYLGtCY
— ANI (@ANI) July 5, 2021
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, ''अगर भागवत जी का हृदय बदल रहा है तो हम उसका स्वागत करते हैं. वर्ण व्यवस्था में विश्वास करने वाला संगठन अगर धर्म की हदों को तोड़ना चाहता है तो ये अच्छी बात है.''