उत्तर प्रदेश में शारदीय नवरात्र के चार दिनों में 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 26-09-2025
Over 40 lakh devotees visited the temple during the four days of Sharadiya Navratri in Uttar Pradesh.
Over 40 lakh devotees visited the temple during the four days of Sharadiya Navratri in Uttar Pradesh.

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उत्तर प्रदेश में शारदीय नवरात्र के चार दिनों में मिर्जापुर के विंध्याचल धाम से लेकर सहारनपुर की मां शाकंभरी देवी धाम तक सैकड़ों प्राचीन दुर्गा मंदिरों और शक्ति पीठों में 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.
 
बयान के अनुसार श्रद्धालुओं की संख्या में यह वृद्धि पिछले आठ वर्षों में सरकार द्वारा प्राचीन धरोहरों का संरक्षण और तीर्थ स्थलों के लिए आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था किये जाने के प्रयासों के कारण है.
 
नवरात्र के अंतिम तीन दिनों-- सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दौरान यह संख्या एक करोड़ से अधिक होने का अनुमान है.
 
इस पर्व की शुरुआत से ही मिर्जापुर स्थित मां विंध्यवासिनी धाम में 12 लाख श्रद्धालु आ चुके हैं। यहां प्रतिदिन 3.5 से चार लाख श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं, जो सामान्य दिनों की तुलना में काफी अधिक है.
 
विंध्याचल कॉरिडोर के निर्माण से तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है. अधिकारियों को नवरात्र के अंतिम तीन दिनों के दौरान यहां प्रतिदिन छह-सात लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.
 
वाराणसी में 51 शक्तिपीठों में से एक मां विशालाक्षी देवी मंदिर में नवरात्र के दौरान प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या पांच-सात हज़ार से बढ़कर आठ-10 हज़ार हो जाती है। अंतिम तीन दिनों में प्रतिदिन 20-30 हज़ार दर्शनों की उम्मीद है.
 
इस मंदिर में दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. सरकार ने दर्शन को और सुगम बनाने के लिए विशालाक्षी कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा है। वाराणसी के अन्य मंदिरों जैसे गायत्री शक्ति पीठ, चौरा देवी मंदिर और दुर्गाकुंड स्थित मां कुष्मांडा मंदिर में भी भारी भीड़ देखी जा रही है, जहां नवमी पर और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.
 
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित शाकंभरी देवी शक्तिपीठ में प्रतिदिन 50,000 श्रद्धालु आ रहे हैं, जबकि त्रिपुर बाला सुंदरी मंदिर में प्रतिदिन 40,000 श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। दोनों मंदिरों में अंतिम तीन दिनों में प्रतिदिन एक लाख तक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.
 
इसी प्रकार, बलरामपुर स्थित मां पाटेश्वरी देवी मंदिर में प्रतिदिन 50,000 श्रद्धालु आ रहे हैं, जो सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दौरान बढ़कर एक से 1.5 लाख प्रतिदिन होने की उम्मीद है.
 
प्रयागराज में गंगा तट पर स्थित मां अलोप शंकरी शक्तिपीठ में प्रतिदिन 1.25 लाख से अधिक श्रद्धालु आ रहे हैं और अंतिम तीन दिनों में यह संख्या बढ़कर 2-2.5 लाख प्रतिदिन हो जाने की उम्मीद है. मां कल्याणी देवी मंदिर और मां ललिता देवी मंदिर (नैमिषारण्य) में प्रतिदिन 70,000-80,000 श्रद्धालु आ रहे हैं।
 
राज्य सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए आश्रय स्थल, पेयजल, प्रवेश द्वार, सौंदर्यीकरण और प्रकाश व्यवस्था जैसी सुविधाओं पर करोड़ों रुपये का निवेश किये जाने से तीर्थयात्रियों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है.
 
गोरखपुर में, चौरी-चौरा क्षेत्र में पुनर्निर्मित तरकुलहा देवी मंदिर एक प्रमुख तीर्थस्थल बन गया है, जहां प्रतिदिन औसतन 50,000 श्रद्धालु आते हैं और नवमी पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. यहां बुढ़िया माई स्थान और महराजगंज के लेहड़ा देवी मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.
 
आश्रय स्थलों और प्रकाश व्यवस्था समेत पर्यटन विकास के लिए सरकारी निवेश ने इसको और बेहतर बना दिया है.
 
जौनपुर स्थित चौकिया माई धाम (जहां प्रतिदिन 70,000 श्रद्धालु आते हैं, व्यस्त दिनों में यह संख्या एक लाख तक पहुंचने की उम्मीद है), आगरा स्थित चामुंडा देवी मंदिर (जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और जिले के विभिन्न मंदिरों में पूरे नवरात्रि में कुल मिलाकर 30 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है) ,झांसी के मंदिरों में भी सुरक्षा बढ़ने और सफ़ाई व्यवस्था के चलते भारी भीड़ उमड़ रही है.
 
औरैया और हापुड़ ज़िलों के छोटे-छोटे मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है.
 
इस नवरात्र को योगी सरकार ने न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान के रूप में, बल्कि महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के उत्सव के रूप में भी मनाया है. 'मिशन शक्ति 5.0' के तहत, महिला पुलिसकर्मियों ने पूरे राज्य में स्कूटी रैलियां निकालीं और छात्राओं को प्रतीकात्मक रूप से एक दिन के लिए प्रशासनिक भूमिका में रखा गया.
 
मंदिर परिसरों में, सभी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी समेत कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं.