धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश). भारत की सीमा तिब्बत से लगती है, चीन से नहीं. यह बात सोमवार को मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) जीडी बख्शी ने कही.
बख्शी ने आज धर्मशाला में एक संवाददाता सम्मेलन किया, जहां उन्होंने तिब्बती लोगों के लिए अपना समर्थन दिया. यहां मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए मेजर जनरल बख्शी ने कहा, ‘भारत की चीन के साथ सीमा नहीं है, लेकिन तिब्बत के साथ हमारी सीमा है. उन्हें (चीन) समझना चाहिए कि ल्हासा से लेह की ओर जाने वाली सड़क भी लेह से ल्हासा की ओर जाती है. चीन है एकमात्र देश नहीं है, जो सैन्य रूप से मजबूत हो गया है. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य राष्ट्र भी हैं.’
चीन में उइगर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन और मस्जिदों से गुंबदों को हटाने पर टिप्पणी करते हुए, जीडी बख्शी ने कहा, ‘चीन में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. चीन ने मुसलमानों पर बहुत सारे प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन पाकिस्तान कभी हिम्मत नहीं कर सकता उनसे सवाल करने के लिए. पाकिस्तान केवल जम्मू-कश्मीर के बारे में सवाल उठाता है.’
एएनआई से बात करते हुए, मेजर जनरल बख्शी ने श्रीनगर में हाल ही में लक्षित हत्या का उल्लेख किया जहां आतंकवादियों द्वारा एक पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उन्होंने कहा, ‘लक्षित हत्याएं हुई थीं. और आज मछुआरों की हत्याएं हुईं. अभी भी युद्धविराम है. मुझे समझ में नहीं आता है. मुझे लगता है कि जवाब देने का समय आ गया है. यह उरी सर्जिकल स्ट्राइक पर वापस जाने का समय है. और पुलवामा सर्जिकल स्ट्राइक और शायद और भी बहुत कुछ... हम शांति से रहना पसंद करते हैं, बशर्ते हमें शांति से रहने दिया जाए.’