आवास द वॉयस/नई दिल्ली
पहलगाम आतंकवादी हमले के उपरांत कश्मीर में लंबे अंतराल के बाद पर्यटन सामान्य होने लगा है। हालांकि अभी घाटी पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या कम है.
पर्यटकों के समूह खास तौर पर महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों से गुलमर्ग और पहलगाम के लोकप्रिय पर्यटन रिजॉर्ट पहुंच रहे हैं जिससे इस क्षेत्र में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जगी है. हालांकि, पर्यटकों की संख्या सीमित है लेकिन इस क्षेत्र में कुछ गतिविधियां शुरू हो गई हैं जो पहलगाम के बैसरन मैदान में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद लगभग पूरी तरह बंद हो गई थी। इस हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई थी.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं और घाटी में पर्यटकों में विश्वास बहाल करने के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं. मुख्यमंत्री लोकप्रिय पर्यटन स्थलों का दौरा कर रहे हैं, अपने प्रशासन को वहां ले जा रहे हैं, हितधारकों से बातचीत कर रहे हैं और पर्यटकों से भी संवाद कर रहे हैं. घाटी में डर के माहौल को खत्म करने के लिए अब्दुल्ला ने हाल में पहलगाम में मंत्रिपरिषद और गुलमर्ग में वरिष्ठ अधिकारियों की एक के बाद एक बैठकें कीं. पहलगाम हमले के कारण बड़ी संख्या में लोगों ने बुकिंग रद्द करना शुरू कर दिया था। हमले के बाद, पर्यटक घाटी छोड़कर चले गए थे और कश्मीर घूमने में लोगों की रुचि कम हो गई.
लेकिन अब डर के बादल छंटने लगे हैं और धीरे- धीरे ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो बुकिंग के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं. श्रीनगर, पहलगाम और गुलमर्ग में होटल का संचालन करने वाले कारोबारी आसिफ बुर्जा ने कहा, ‘‘लोग वापस आने लगे हैं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बैठकों और यात्राओं (पहलगाम और गुलमर्ग) ने एक सकारात्मक संदेश दिया है कि पर्यटन स्थल खुले हैं. इससे पर्यटन में सुधार हुआ है.’’
गुजरात के गांधीनगर से आई पर्यटक अफसा मलिक ने कहा कि उन्हें कश्मीर में कोई डर महसूस नहीं होता और उन्होंने देशभर के लोगों से घाटी में आने की अपील की. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम पहली बार कश्मीर आए हैं। डर का माहौल नहीं है, सुरक्षा है। हर जगह सुरक्षा बल तैनात हैं. सभी को यहां आना चाहिए. गुजरात के एक अन्य पर्यटक मोहम्मद आफताब ने कहा कि कश्मीर घाटी का माहौल इस जगह के बारे में अभी की धारणा से अलग है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ दिनों से कश्मीर में हैं और खूब आनंद ले रहे हैं. हम गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम और श्रीनगर गए...डल झील घूमे. हम सभी से यहां आने की अपील करते हैं. आफताब ने कहा, ‘‘हम सभी को बताना चाहते हैं कि (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी के शासन में ऐसी घटनाएं (पहलगाम हमला) दोबारा नहीं होंगी. हम चाहते हैं कि हर कोई यहां आए.