पुणे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का उत्कृष्ट उदाहरण करार दिया। उन्होंने बताया कि इस विशेष सैन्य अभियान के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा इस्तेमाल किए गए ज्यादातर उपकरण और हथियार स्वदेशी थे, जो भारत की तकनीकी क्षमता और रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी सफलता है।
पुणे में सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा,"भारत ने अब वह रुकावट पार कर ली है जो आजादी के बाद से रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में बनी हुई थी। हमने देश में ही हथियार निर्माण को पूरी ताकत से बढ़ावा दिया है।"
उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत का रक्षा उत्पादन 46,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसका बड़ा हिस्सा निजी क्षेत्र से आया है, जिसका योगदान 33,000 करोड़ रुपये का रहा। सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक यह आंकड़ा 3 लाख करोड़ और रक्षा निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाया जाए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जिसे मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति की एक बड़ी मिसाल है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके जवाब में भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
राजनाथ सिंह ने कहा,"इस ऑपरेशन में भारतीय सेना की वीरता और संयम दोनों देखने को मिले। हमारे सैनिकों ने जवाब उनके धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि उनके अपराध के आधार पर दिया।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी "संपूर्ण विश्व एक परिवार है" के सिद्धांत में विश्वास करता है, और कभी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता।
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में युवाओं के कौशल विकास और तकनीकी प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि भारत एक युवा देश है और अगर युवाओं को सही मार्गदर्शन और प्रशिक्षण मिले, तो वे दुनिया को बदल सकते हैं।
उन्होंने कहा,"आज की दुनिया तेजी से बदल रही है। केवल डिग्री काफी नहीं है, आपको अपने कौशल को व्यावहारिक रूप से लागू करने की भी क्षमता होनी चाहिए।"
उन्होंने बताया कि 2014 के बाद सरकार ने ‘नए भारत’ की कल्पना के साथ स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं को आगे बढ़ाया। साथ ही, कौशल विकास के लिए एक अलग मंत्रालय की स्थापना की गई ताकि युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जा सके।
रक्षा मंत्री ने बताया कि पहले भारत रक्षा खरीद में विदेशी देशों पर निर्भर था। न तो राजनीतिक इच्छाशक्ति थी, न ही कोई ठोस नीति ढांचा। लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं और देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे। राजनाथ सिंह ने समापन में युवाओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी की अपील की और कहा,"अगर भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, तो हमारे युवाओं को कौशलयुक्त, आत्मविश्वासी और नवाचार-प्रिय बनना होगा।"