ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति का संकेत – थरूर

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 25-05-2025
Operation Sindoor: A sign of India's new policy against terrorism - Tharoor
Operation Sindoor: A sign of India's new policy against terrorism - Tharoor

 

न्यूयॉर्क

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को न्यूयॉर्क में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद से निपटने की रणनीति में एक "नए सामान्य" (New Normal) की शुरुआत है। थरूर अमेरिका की यात्रा पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि अब भारत को हल्के में नहीं लिया जा सकता, और भारतीय नागरिकों की हत्या की कोई भी कोशिश बिना गंभीर परिणामों के नहीं छोड़ी जाएगी।

“अब एक नया सामान्य बन चुका है। कोई भी व्यक्ति जो पाकिस्तान में बैठा है, उसे यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि वह सीमा पार कर हमारे नागरिकों को मार सकता है और बच निकल सकता है। अब इसकी कीमत चुकानी होगी — और यह कीमत लगातार बढ़ रही है,” थरूर ने कहा।

पाकिस्तान की उकसावे की कार्रवाई के बाद भारत की सख़्त प्रतिक्रिया

थरूर ने बताया कि भारत ने पहले पाकिस्तान से अपील की थी कि वह शांति बनाए रखे, लेकिन जवाब में पाकिस्तान ने निर्विवेक गोलाबारी करते हुए 19 भारतीय नागरिकों की हत्या कर दी और 59 को घायल कर दिया, जिनमें कार्मेलाइट नन और गुरुद्वारे में पूजा कर रहे सिख शामिल थे।

“पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से कहा गया था कि हमारी कार्रवाई केवल आतंकवादियों और उनके हैंडलरों को संदेश देने की थी। न तो कोई सैन्य ठिकाना, न कोई नागरिक प्रतिष्ठान और न ही कोई सरकारी कार्यालय निशाना बनाया गया था,” उन्होंने कहा।

भारत का जवाबी हमला: 11 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर निशाना

थरूर ने आगे बताया कि जब पाकिस्तान ने इसके बाद ड्रोन और मिसाइल से हमला किया, तो भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने उन्हें विफल किया और जवाबी कार्रवाई में भारत ने 10 मई की रात 11 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिनमें एक एयरबेस भी शामिल था जो रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय से मात्र 1.5 किलोमीटर दूर है।

“पाकिस्तान ने खुद ही यह संघर्ष शुरू किया, हमने सिर्फ जवाब दिया। जब उन्होंने रुकने की बात की, तो हमने भी साफ किया कि हमें तो शुरू से ही लड़ाई नहीं चाहिए थी। अगर वे रुकते हैं, तो हम भी रुक जाएंगे,” थरूर ने कहा।

"88 घंटे की लड़ाई", लेकिन भारत का संकल्प और मज़बूत

थरूर ने इस पूरे घटनाक्रम को "88 घंटे का युद्ध" बताया और कहा कि भारत को इस संघर्ष में लोगों की जान जाने का दुख है, लेकिन इसके साथ ही यह एक मज़बूत और निर्णायक नीति की शुरुआत भी है।

“यह युद्ध रोका जा सकता था, लेकिन अब भारत ने दुनिया को यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” उन्होंने कहा।

वैश्विक मंच पर भारत का संदेश

थरूर की अगुवाई वाला यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, गुयाना, पनामा, ब्राज़ील और कोलंबिया की यात्रा पर है। इसमें शंभवी चौधरी (लोक जनशक्ति पार्टी), सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जी. एम. हरीश बालयागी (तेलुगू देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर के. लता (सभी बीजेपी), मल्लिकार्जुन देवड़ा (शिवसेना) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं।

न्यूयॉर्क में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।

भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर लिखा –

“आतंकवाद के खिलाफ भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति का सशक्त संदेश दुनिया तक पहुंचाते हुए! शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का न्यूयॉर्क में स्वागत।”

यह प्रतिनिधिमंडल भारत की राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत करेगा।