नई दिल्ली
भारत के ऑनलाइन गेमिंग संगठनों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे अपील की है कि वे सभी रियल मनी गेम्स (वास्तविक धन से जुड़े खेलों) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के किसी भी प्रस्ताव के खिलाफ हस्तक्षेप करें। यह अपील उस समय की गई है जब केंद्र सरकार "ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन और नियमन विधेयक, 2025" पेश करने की तैयारी कर रही है।
यह विधेयक, जिसे केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव लोकसभा में प्रस्तुत करेंगे, का उद्देश्य देशभर में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के लिए राष्ट्रीय स्तर का नियामक ढांचा तैयार करना है। इसमें राज्यों के पार या विदेशी अधिकारक्षेत्र से चल रहे मनी गेम्स को प्रतिबंधित करने का प्रावधान भी होगा।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF), ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF) और फेडरेशन ऑफ इंडिया फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) ने संयुक्त प्रतिनिधित्व में कहा कि वे भारत के लगभग पूरे ऑनलाइन स्किल-गेमिंग सेक्टर का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे प्रधानमंत्री के 1 ट्रिलियन डॉलर डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्य का अहम स्तंभ बताया गया है।
संयुक्त बयान में कहा गया:“भारत के डिजिटल स्किल-गेमिंग सेक्टर में काम कर रहे लाखों युवा उद्यमियों, डेवलपर्स और पेशेवरों की ओर से हम आपसे गहरी चिंता के साथ आग्रह करते हैं। यदि इस मसौदा विधेयक में बताए अनुसार सभी रियल मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया, तो यह वैध और रोजगार सृजन करने वाले उद्योग के लिए घातक होगा तथा भारतीय उपयोगकर्ताओं को भी गंभीर नुकसान पहुंचेगा।”
वर्तमान में यह उद्योग 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मूल्यांकन रखता है।
31,000 करोड़ रुपये की वार्षिक आमदनी और 20,000 करोड़ रुपये से अधिक कर योगदान करता है।
2028 तक इसके दोगुना होने की उम्मीद है।
भारत में ऑनलाइन गेमर्स की संख्या 2020 में 36 करोड़ से बढ़कर 2024 में 50 करोड़ हो गई।
जून 2022 तक इस क्षेत्र में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया।
यह उद्योग 2 लाख से अधिक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार भी देता है।
गेमिंग संस्थाओं ने कहा कि सरकार को प्रतिबंध की बजाय प्रगतिशील नियमन का रास्ता अपनाना चाहिए।
“भारत के पास गेमिंग, टेक्नोलॉजी और डिजिटल एंटरटेनमेंट में दुनिया का नेतृत्व करने का सुनहरा अवसर है। जिम्मेदार गेमिंग सुनिश्चित करते हुए उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए हम समाधान प्रस्तुत करना चाहते हैं। प्रगतिशील नियमन ही आगे का सही रास्ता है।”
उन्होंने सरकार से तत्काल बैठक का अनुरोध भी किया है ताकि वे जिम्मेदार गेमिंग सुनिश्चित करने के उपाय साझा कर सकें।
लोकसभा में बुधवार को ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन और नियमन विधेयक, 2025 पेश किया जाएगा।
इसमें ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक खेल, और सोशल गेमिंग के साथ एक नियामक प्राधिकरण नियुक्त करने का प्रावधान होगा।
विधेयक का उद्देश्य युवाओं और कमजोर वर्गों को सामाजिक, आर्थिक, मानसिक और गोपनीयता संबंधी खतरों से बचाना है।
साथ ही, यह सार्वजनिक व्यवस्था और जनस्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाएगा।