धर्मपरिवर्तन करने पर आरक्षण नहीं मिलेगाः मद्रास हाईकोर्ट

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 03-12-2022
मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट

 

चेन्नई. एक बड़े फैसले में मद्रास हाई कोर्ट (एचसी) ने शनिवार को कहा कि कोई व्यक्ति दूसरे धर्म में परिवर्तित होने के बाद जाति के आधार पर आरक्षण का दावा नहीं कर सकता है. न्यायमूर्ति जी.आर. की अध्यक्षता वाली मद्रास उच्च न्यायालय की पीठ स्वामीनाथन ने सबसे पिछड़े समुदाय के एक हिंदू व्यक्ति, जिसने इस्लाम धर्म अपना लिया था, की याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

याचिकाकर्ता ने बाद में राज्य सरकार की नौकरियों में जाति आधारित कोटा मांगा था.  पीठ ने कहा कि एक बार एक हिंदू व्यक्ति दूसरे धर्म में परिवर्तित हो जाता है, जो जाति व्यवस्था को मान्यता नहीं देता है, तो वह व्यक्ति उस जाति से संबंध नहीं रखता है, जिसमें वह पैदा हुआ था.

याचिकाकर्ता ने कहा कि वह मई 2008 में इस्लाम में परिवर्तित हो गया. वह 2018 में तमिलनाडु संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के लिए उपस्थित हुआ. वह इसे उत्तीर्ण करने में विफल रहा और पूछताछ के बाद उसे पता चला कि उसे सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के रूप में माना गया था.

उन्होंने कहा कि उन्हें पिछड़े वर्ग के मुस्लिम वर्ग के रूप में माना जाना चाहिए था. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने इस्लाम में परिवर्तित होकर अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग किया. तमिलनाडु सरकार कुछ मुस्लिम श्रेणियों को सबसे पिछड़ा वर्ग समुदाय मानती है.