लिपुलेख पर नेपाल का दावा न तो उचित, न ही ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित : भारत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 21-08-2025
Nepal's claim on Lipulekh is neither justified nor based on historical facts: India
Nepal's claim on Lipulekh is neither justified nor based on historical facts: India

 

नई दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा)

भारत ने बुधवार को लिपुलेख दर्रे के माध्यम से चीन के साथ सीमा व्यापार फिर से शुरू करने के फैसले पर नेपाल की आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि इस क्षेत्र पर नेपाल का दावा न तो उचित है और न ही ऐतिहासिक तथ्यों से मेल खाता है।

भारत और चीन ने मंगलवार को लिपुलेख समेत तीन व्यापारिक दर्रों से सीमा व्यापार दोबारा शुरू करने पर सहमति जताई थी। इसके विरोध में नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर दावा किया था कि लिपुलेख उसका अविभाज्य हिस्सा है।

गौरतलब है कि नेपाल ने 2020 में एक नया राजनीतिक नक्शा जारी कर कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को अपने क्षेत्र में दिखाया था, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,“हमने लिपुलेख दर्रे से भारत-चीन सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने पर नेपाल के बयान पर ध्यान दिया है। इस संबंध में भारत की स्थिति हमेशा से स्पष्ट और सुसंगत रही है। लिपुलेख दर्रे से भारत और चीन के बीच सीमा व्यापार वर्ष 1954 में शुरू हुआ था और कई दशकों तक जारी रहा। कोविड-19 और अन्य कारणों से यह बाधित हुआ था, जिसे अब पुनः शुरू किया जा रहा है।”

उन्होंने आगे कहा,“नेपाल के क्षेत्रीय दावे न तो उचित हैं और न ही किसी ऐतिहासिक तथ्य या साक्ष्य पर आधारित। किसी भी प्रकार का एकतरफा और कृत्रिम विस्तार भारत के लिए अस्वीकार्य है।”

जायसवाल ने यह भी दोहराया कि भारत, नेपाल के साथ लंबित सीमा मुद्दों के समाधान के लिए हमेशा बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों के प्रति प्रतिबद्ध है।