आवाज द वाॅयस नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश चुनाव में अब मुस्लिम संगठन भी कूद पड़े हैं.मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी को एक खुला पत्र लिखा है. इसमें ओवैसी को सुझाव दिया गया है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में उन्हें किन सीटों पर उम्मीदवार उतारने चाहिए.
मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने इन मंशे से एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को खुला पत्र लिखा है ताकि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में अधिक दमनकारी और सांप्रदायिक लोगों के खिलाफ वोटों के बिखराव को कम किया जा सके.
मौलवी ने अपने पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव में एआईएमआईएम ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, लेकिन पार्टी की लोकप्रियता को देखते हुए ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुस्लिम वोट बंट सकता है, जिससे सांप्रदायिक ताकतों को फायदा हो सकता है.
मौलाना सज्जाद नोमानी द्वारा लिखे खुले पत्र मेंमौलाना ने एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अधिक दमनकारी और सांप्रदायिक लोगों के खिलाफ वोटों के बिखराव को कम करने के लिए कहा है.
पत्र में मौलाना ने लिखा है कि ‘‘चूंकि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि देश के मुस्लिम दुश्मन और फासीवाद के अग्रणी वर्ग की मुख्य शक्ति ओबीसी से संबंधित लोग हैं, जिनमें कई इकाइयां शामिल हैं और इतिहास गवाह है.
यानी जब इस वर्ग के लोग सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लाइन में लग जाते हैं तो इन दमनकारी ताकतों की हार हो जाती है. मौलाना ने पत्र में ओवैसी की मंशा और उनकी क्षमताओं को स्वीकारते हुए लिखा कि वोटों के बंटवारे को कम किया जा सकता है.‘
मौलाना ने पत्र में लिखा है कि ‘‘मेरी राय में आपको अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल केवल उन्हीं सीटों पर करना चाहिए जहां जीत निश्चित है. बाकी सीटों पर आप खुद गठबंधन के लिए अपील करें.‘‘
मौलाना ने अपने पत्र में आगे कहा कि ‘‘यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपकी लोकप्रियता और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, जो आपके मूल मिशन के लिए चुनाव के तुरंत बाद शुरू करने के प्रयास की सफलता होगी.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे यह अपील समुदाय और देश की भलाई के लिए कर रहा हूं.‘‘ बता दें मौलाना खलीर-उर-रहमान सज्जाद नोमानी नदवी एक इस्लामिक विद्वान हैं. इस्लामिक मदरसों में कई महत्वपूर्ण पदों पर हैं और ऑल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्य समिति के सदस्य भी हैं.