मुंबई बारिश: क्लाइमेट चेंज के कारण तेज़ हुई बारिश, मिती नदी का उफान रेल सेवाओं के लिए बड़ी चुनौती

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 20-08-2025
Mumbai Rain: Due to climate change and weather systems, heavy rains have increased, the flood in Mithi river has become a big challenge for rail services
Mumbai Rain: Due to climate change and weather systems, heavy rains have increased, the flood in Mithi river has become a big challenge for rail services

 

मुंबई

मुंबई में मंगलवार को मिती नदी ने दशकों बाद फिर अपनी पुरानी रौद्रता दिखा दी, जब यह नाला नहीं, बल्कि उफनती नदी बन गई। इस बेकाबू नदी ने मुंबई की जीवनरेखा मानी जाने वाली लोकल ट्रेनों को रोक दिया। सेंट्रल रेलवे की मुख्य और हार्बर लाइनों पर कुर्ला, सायन, माटुंगा, चूनाभट्टी और गोवंडी के बीच ट्रेनों की आवाजाही लगभग 8 घंटे तक ठप रही। वहीं वेस्टर्न रेलवे की ट्रेनें माहीम, माटुंगा रोड और दादर के बीच धीमी गति से चलती रहीं।

मिती नदी का कहर: रेल ट्रैकों पर उल्टा बहा पानी

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, भारी बारिश और 3.74 मीटर की ऊँची ज्वार के चलते मिती नदी ने रेल ट्रैकों और उससे सटी सड़कों पर पानी उल्टा बहाना शुरू कर दिया। यह समस्या मंगलवार सुबह तब शुरू हुई जब बारिश ने रफ्तार पकड़ ली और हाई टाइड के साथ हालात और बिगड़ गए।

एक वरिष्ठ सेंट्रल रेलवे अधिकारी ने बताया, "मिती नदी सुबह 9:30 बजे के आसपास खतरे के निशान को पार कर गई। BMC ने कुर्ला में नदी के फ्लडगेट्स बंद कर दिए थे, जिससे पानी रेल लाइनों पर वापस बहने लगा। हमारे द्वारा लगाए गए पंप बेकार हो गए क्योंकि पानी निकालने की कोई जगह नहीं थी। सायन-कुर्ला सेक्शन में 11 इंच और कुर्ला-चूनाभट्टी में 19 इंच पानी जमा हो गया, जबकि लोकल ट्रेनों के लिए अधिकतम 6 इंच और लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए 4 इंच पानी ही स्वीकार्य होता है।"

भारी बारिश और सेवाओं पर असर

मुंबई में मंगलवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक 163 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। इसका असर यह रहा कि सेंट्रल रेलवे को अपनी 1,810 में से 800 से ज़्यादा ट्रेन सेवाएं रद्द करनी पड़ीं, जबकि वेस्टर्न रेलवे ने 100 सेवाएं रद्द कीं।

इस दौरान 16 लंबी दूरी की ट्रेनों को पुनर्निर्धारित, 14 को रद्द और 5 को पुणे, नासिक और पनवेल पर आंशिक रूप से समाप्त किया गया। वसई-विरार बेल्ट में भी भारी जलभराव के कारण ट्रेनों की रफ्तार थम गई।

सड़कों पर भी बुरा हाल

BEST बसों, ऑटो रिक्शा और टैक्सियों की सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित रहीं। BEST के एक अधिकारी ने बताया, "हमें पूरे दिन में 38 स्थानों पर 114 बस रूट डायवर्ट करने पड़े। सबसे अधिक प्रभाव सायन-कुर्ला की LBS रोड पर पड़ा।"

हालांकि, बारिश के बावजूद BEST ने 2,400 से अधिक बसें ऑपरेट कीं। जब लोकल ट्रेनें बंद हो गईं, तब CSMT, कुर्ला, विक्रोली, मुलुंड, घाटकोपर, सायन और वडाला से 22 रूटों पर विशेष 60 बसें चलाई गईं।

ऑटो और टैक्सी सेवाएं प्रभावित

ऑटो-टैक्सी यूनियन नेता थैम्पी कुरियन ने बताया कि जलभराव और वर्क फ्रॉम होम के चलते करीब 40% ऑटो और टैक्सी सड़कों पर नहीं दिखे। मुंबई में 2.60 लाख ऑटो और 15,000 काली-पीली टैक्सी हैं। ओला और उबर सेवाएं भी सीमित रहीं, लोगों को 10-20 मिनट तक इंतज़ार करना पड़ा।

यात्रियों की परेशानियाँ

बद्लापुर की हीना मेहरा, जो BKC में काम करती हैं, ने बताया, "मैं सुबह 6:30 बजे घर से निकली और 8:30 बजे ऑफिस पहुंच गई, सब सामान्य था। लेकिन शाम 5 बजे लौटते समय हर जगह पानी था, ऑटो नहीं मिले। BKC से कुर्ला तक लोगों ने बीच सड़क पर रस्सी बांध दी थी ताकि लोग पानी में सुरक्षित चल सकें।"

धीरे-धीरे बहाल हुई रेल सेवा

शाम 5:30 बजे के बाद CSMT-गोरगांव हार्बर लाइन पर सेवाएं फिर शुरू की गईं। इसके थोड़ी देर बाद कुर्ला से कल्याण के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई गई। इसके साथ ही ठाणे-वाशी, ठाणे-कसारा/करजत, पनवेल-मनखुर्द और बेलापुर-उरण सेक्शन में शटल सेवाएं शुरू की गईं। मदद के लिए CR और WR ने मुंबई सेंट्रल, CSMT, ठाणे, दादर, पनवेल, वडाला, वाशी, बैंड्रा टर्मिनस पर हेल्प डेस्क भी लगाए।

मुंबई रेल प्रवास संघ के सचिव सिद्देश देसाई ने कहा, "यह किसी प्राकृतिक आपदा से कम नहीं था। इस बार मुख्य समस्या मिती नदी की वजह से हुई, अन्य सेक्शनों पर ट्रेनें फिर भी चलती रहीं।"

इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि कैसे क्लाइमेट चेंज, अर्बन प्लानिंग की खामियां और लचर ड्रेनेज सिस्टम मिलकर एक सामान्य बारिश को शहर के लिए संकट बना सकते हैं। जब तक ठोस उपाय नहीं किए जाते, मिती नदी जैसी 'भूली हुई नदियां' समय-समय पर मुंबई को अपनी ताकत याद दिलाती रहेंगी।