नयी दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को तिहाड़ केंद्रीय कारागार में सीवर की सफाई नहीं होने को लेकर नगर निगम प्रशासन को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की कि ‘‘न्यायाधीशों का दर्जा घटकार नगर निगम आयुक्त का कर दिया गया है।’’
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ आजीवन कारावास की सजा काट रहे सोनू दहिया की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि जल निकासी की समस्या के कारण कैदी ‘‘अस्वच्छ परिस्थितियों’’ में रह रहे हैं।
अदालत में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक अधिकारी से कहा, ‘‘क्या आप सीवेज की सफाई नहीं होने के कारण कैदियों के सामने आ रही समस्या को समझ सकते हैं? हमारा दर्जा घटकर नगर निगम आयुक्त तक का रह गया है।’’
पीठ ने अधिकारी से सवाल किया कि सीवर जब 2024 में बिछा दी गई थीं तो उसे मुख्य लाइन से क्यों नहीं जोड़ा गया।
अदालत ने अधिकारी से पूछा, ‘‘आपको जेल अधिकारियों से न केवल सीवर लाइनों को मुख्य सीवर लाइन से जोड़ने के संबंध में बल्कि सफाई के संबंध में भी पत्र मिले हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि सीवर लाइन की सफाई के लिए निविदा जारी की गई थी।
पीठ ने सवाल किया, ‘‘आपने मानसून के बीच में निविदा जारी की...क्या हमें (निविदा के) अनुमोदन के लिए जिम्मेदार प्राधिकारी को बुलाना चाहिए?...आपको (सीवर लाइन को) साफ करने में कितना समय लगेगा?’’
अधिकारी ने बताया कि अस्थायी उपाय के तौर पर सीवर की सफाई शुरू कर दी गई है और यह 25 अगस्त तक पूरी हो जाएगी।