मुंबई
मायसोर कॉलोनी के पास (चेंबूर और भक्ति पार्क के बीच) फंसी मुंबई मोनोरेल से 582 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन मुंबई फायर ब्रिगेड और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की टीमों ने अंजाम दिया।
बचाए गए यात्रियों में से 23 लोगों को दम घुटने और सांस लेने में समस्या हुई थी, जिन्हें मौके पर मौजूद 108 एंबुलेंस के डॉक्टर ने इलाज के बाद घर भेज दिया।
दो यात्रियों – किस्मत कुमार (20 वर्ष) और विवेक सोनवणे (28 वर्ष) को सायन अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका ओपीडी आधार पर इलाज हुआ और दोनों की हालत स्थिर है।
यह घटना मंगलवार शाम हुई जब भक्ति पार्क और चेंबूर स्टेशनों के बीच मोनोरेल अचानक रुक गई। बताया गया कि ओवरक्राउडिंग (ज्यादा भार) के कारण ट्रेन की बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जिससे ट्रेन बीच रास्ते में फँस गई।
रेस्क्यू अभियान में बीएमसी, दमकल विभाग और पुलिस की टीमें शामिल रहीं। दमकलकर्मियों ने स्नॉर्कल वाहन की मदद से यात्रियों को बाहर निकाला, जबकि BEST की बसें उन्हें नज़दीकी रेलवे स्टेशनों तक पहुँचाने के लिए लगाई गईं।करीब साढ़े तीन घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी रवींद्र अम्बुलगेकर ने बताया,"कुछ यात्रियों को सांस लेने और घुटन की दिक्कत हुई थी, लेकिन सभी सुरक्षित हैं। 10 मिनट के भीतर हमारी टीम मौके पर पहुँची और यात्रियों को आश्वस्त किया कि उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।"
पूर्वी क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त महेश पाटिल ने कहा कि शाम करीब 6:30 बजे सूचना मिली और तुरंत पुलिस, फायर ब्रिगेड व बीएमसी की टीमों ने बचाव अभियान शुरू किया।"करीब 585 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। किसी के घायल होने या हताहत की जानकारी नहीं है।"
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त अमित सैनी ने बताया कि पुलिस और दमकल विभाग की टीमें लगातार राहत कार्य में लगी रहीं।
कई यात्रियों ने इसे बेहद भयावह अनुभव बताया।बचाए गए यात्री सागर शिंदे ने कहा,"बाहर बारिश हो रही थी और अंधेरा बढ़ता जा रहा था। एयर-कंडीशनिंग बंद हो चुका था और अंदर दम घुट रहा था। सबसे डरावनी बात यह थी कि ट्रेन खतरनाक तरीके से झुक गई थी। हम बस प्रार्थना कर रहे थे कि सुरक्षित बाहर निकल पाएँ।"
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना की जाँच के आदेश दिए हैं और भरोसा दिलाया कि सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने खराबी की वजह ओवरक्राउडिंग को बताया है। उनका कहना है कि यात्रियों की संख्या ट्रेन की क्षमता से कहीं अधिक थी, जिससे यह समस्या पैदा हुई।