मुंबई के व्यवसायी से ‘डिजिटल अरेस्ट’ ठगी में 58 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-10-2025
Mumbai businessman duped of Rs 58 crore in 'digital arrest' scam
Mumbai businessman duped of Rs 58 crore in 'digital arrest' scam

 

मुंबई

मुंबई में 72 वर्षीय एक वरिष्ठ व्यवसायी से ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी के ज़रिए करीब 58 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। ये ठग खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के अधिकारी बताकर वीडियो कॉल के ज़रिए धमकाते रहे।

महाराष्ट्र साइबर विभाग इस मामले की जांच कर रहा है और अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकारियों के मुताबिक यह किसी व्यक्ति से जुड़ी अब तक की सबसे बड़ी डिजिटल ठगी हो सकती है।

क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’?

यह एक नई तरह की साइबर ठगी है जिसमें अपराधी खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ित को वीडियो कॉल पर ‘गिरफ्तार’ कर लेते हैं और मानसिक दबाव डालकर बड़ी रकम वसूलते हैं।

कैसे हुई यह ठगी?

ठगों ने 19 अगस्त से 8 अक्टूबर के बीच पीड़ित व्यवसायी से संपर्क किया और कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सामने आया है। इसके बाद उन्होंने व्यवसायी और उनकी पत्नी को वीडियो कॉल के ज़रिए "डिजिटल अरेस्ट" में डाल दिया।

ठगों ने दावा किया कि जांच से बचने के लिए उन्हें तत्काल पैसे जमा करने होंगे और उन्होंने कई बैंक खातों की जानकारी दी। भयभीत व्यवसायी ने करीब 58 करोड़ रुपये RTGS के ज़रिए 18 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।

कुछ समय बाद जब व्यवसायी को शक हुआ, तो उन्होंने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज किया और पैसे की फाइनेंशियल ट्रेल को खंगाला।

अब तक की कार्रवाई:

  • पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है:

    • अब्दुल खुलेली (47) – मालाड से

    • अर्जुन कड़वसारा (55)

    • जैठाराम (35) – मुंबई सेंट्रल से

  • पुलिस ने कई बैंक खातों को फ्रीज़ भी कराया है ताकि पैसे वापस लाए जा सकें।

मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस जांच जारी है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।