पटना
बिहार के पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट पर मतगणना के तीसरे दौर की शुरुआत के साथ शुरुआती रुझानों में जेल में बंद जद (यू) विधायक अनंत कुमार सिंह को 700 वोटों की मामूली बढ़त मिली है। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की उम्मीदवार वीणा देवी से है।
वहीं, जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के उम्मीदवार प्रियरदर्शी पियूष करीब 10,536 वोटों से पिछड़ रहे हैं।
चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, बिहार में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। जद (यू) 63 सीटों पर आगे है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 61 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
विपक्षी आरजेडी 34 सीटों और कांग्रेस 11 सीटों पर आगे चल रही है।
इस बीच, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दावा किया कि 2025 के विधानसभा चुनावों में जनता का जनादेश एनडीए के पक्ष में जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और जनता का रुझान साफ तौर पर उनके पक्ष में दिख रहा है।
जायसवाल ने कहा, “हमने ‘2025, फिर से नीतीश’ के नारे के साथ चुनाव लड़ा और एनडीए सरकार फिर बनने जा रही है।”
मतगणना के शुरुआती रुझानों में सत्तारूढ़ एनडीए बहुमत के 122 के आंकड़े को पार करता दिखाई दे रहा है।
अनंत सिंह को मतदान से पहले ही एक हत्या मामले में पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जन सुराज समर्थक दुलरचंद यादव की हत्या के सिलसिले में एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के अनुसार, अनंत सिंह को उनके सहयोगियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम के साथ पकड़ा गया था। बाद में उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में पेश किया गया।
मोकामा लंबे समय से बिहार की राजनीति में प्रभावशाली और विवादित नेताओं—जिन्हें अक्सर “बाहुबली” कहा जाता है—का गढ़ रहा है। इनमें प्रमुख नाम अनंत सिंह, उनके भाई दिलीप सिंह, और सूरजभान सिंह शामिल हैं।
दुलरचंद यादव की हत्या के बाद मोकामा एक बार फिर सुर्खियों में है, और माना जा रहा है कि यह घटना चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती है। इस बार की पूरी लड़ाई भी दो बाहुबलियों—अनंत सिंह और सूरजभान सिंह—के इर्द-गिर्द घूम रही है।