Mock Drill : क्या है सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट और क्यों हो रही ड्रिल

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 06-05-2025
Mock Drill: What is Civil Defence District and why is the drill being conducted
Mock Drill: What is Civil Defence District and why is the drill being conducted

 

अर्सला खान /नई दिल्ली

 
यह मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं बल्कि एक चेतावनी है कि देश को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा. यह नागरिकों, प्रशासन और सुरक्षा बलों के बीच तालमेल की परीक्षा है. युद्ध हो या आपदा, देश की मजबूती नागरिकों की जागरूकता और सरकार की तत्परता से ही सुनिश्चित होती है.

भारत सरकार ने देश के 244 जिलों में 7 मई को मॉक ड्रिल कराने का आदेश दिया है, जो युद्ध या बड़े आपदा जैसी स्थिति में नागरिकों की तैयारियों की जांच और प्रशिक्षण के उद्देश्य से की जा रही है. यह अभ्यास साल 1971 के बाद देश का सबसे व्यापक सिविल डिफेंस ऑपरेशन होगा. सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट वे जिले हैं जिन्हें दुश्मन के हमले की दृष्टि से संवेदनशील माना गया है, जिनमें सीमावर्ती राज्य जैसे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात शामिल हैं. इन जिलों में मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजेंगे, नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का अभ्यास कराया जाएगा, और विभिन्न विभागों की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया जाएगा. इस कवायद का उद्देश्य सिर्फ तैयारियों की जांच नहीं, बल्कि देश को मानसिक रूप से भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना है.
 
 
क्यों हो रही है मॉक ड्रिल?

पाकिस्तान के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के माहौल में भारत सरकार ने यह कदम उठाया है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि यह अभ्यास युद्ध जैसी परिस्थिति में नागरिकों को तैयार रखने के लिए आवश्यक है. मॉक ड्रिल का आयोजन अचानक नहीं किया गया है, बल्कि इसकी योजना लंबे समय से चल रही थी और वर्तमान हालात ने इसे और जरूरी बना दिया है. यह ड्रिल न केवल नागरिकों के लिए है, बल्कि स्थानीय प्रशासन, सुरक्षा बलों और राहत एजेंसियों की समन्वय क्षमताओं की भी परीक्षा होगी. देश के लोग अक्सर युद्ध की खबरों को टीवी या सोशल मीडिया पर देखते हैं, लेकिन जब सायरन बजते हैं, तो यह एहसास असल में डर और सतर्कता दोनों लेकर आता है. यह अभ्यास नागरिकों को सिखाएगा कि ऐसी किसी भी आपात स्थिति में बिना घबराए कैसे त्वरित और सही निर्णय लिए जाएं.
 
 
कौन से हैं सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट

भारत में ‘सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट’ वे क्षेत्र होते हैं जो सामरिक दृष्टि से संवेदनशील माने जाते हैं. सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 के तहत, इन जिलों की पहचान की जाती है जहां संभावित दुश्मन हमले की आशंका अधिक होती है. ये जिले भारत-पाकिस्तान या भारत-चीन सीमा से सटे होते हैं या फिर ऐसे शहरी क्षेत्र होते हैं जहां जनसंख्या सघन है और जिनकी सुरक्षा रणनीतिक रूप से आवश्यक है.
 
इन जिलों में नागरिक सुरक्षा संगठनों की विशेष व्यवस्था की जाती है. स्थानीय स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाता है, होम गार्ड्स को सक्रिय रखा जाता है, और सायरन व अलर्ट सिस्टम की व्यवस्था होती है. इस समय जिन 244 जिलों में मॉक ड्रिल हो रही है, वे सभी इसी श्रेणी में आते हैं। इनमें श्रीनगर, अमृतसर, बाड़मेर, कच्छ जैसे जिले शामिल हैं, जहां किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति में जनजीवन को सुरक्षित रखना प्राथमिकता होगी.
 
 
मॉक ड्रिल के दौरान क्या करना होता है?

मॉक ड्रिल के दौरान एक पूरी आपात स्थिति का अनुकरण किया जाएगा. सुबह या दोपहर को अचानक सायरन बजेंगे. यह सायरन सामान्य नहीं बल्कि युद्धकालीन सायरन होंगे जिनकी आवाज 120 से 140 डेसिबल तक होती है और ये 2 से 5 किलोमीटर दूर तक सुने जा सकते हैं. नागरिकों को निर्देश होगा कि वे तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाएं- जैसे कि घरों में, सुरक्षित इमारतों में या सरकारी आश्रय स्थलों में.
 
इस अभ्यास में जिला अधिकारी, स्थानीय पुलिस, फायर डिपार्टमेंट, एनसीसी, एनएसएस, होम गार्ड्स, और नेहरू युवा केंद्र संगठन जैसे कई संगठन भाग लेंगे. स्कूल और कॉलेजों के छात्र भी मॉक ड्रिल में भाग लेंगे ताकि युवाओं में भी आपातकालीन स्थितियों को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके. इसके साथ ही ड्रोन और निगरानी कैमरों से भी लोगों की गतिविधियों और सरकारी इकाइयों की त्वरित प्रतिक्रिया की निगरानी की जाएगी.