आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
डिजिटल इंडिया पहल की 10वीं वर्षगांठ पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विस्तृत ब्लॉग साझा किया, जिसमें बताया गया कि कैसे इस कार्यक्रम ने जीवन को बदल दिया है और समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाया है.
'डिजिटल इंडिया का एक दशक' शीर्षक वाले ब्लॉग में, पीएम मोदी ने कहा कि यह पहल अब केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि 'लोगों का आंदोलन' है.
उन्होंने कहा, "डिजिटल इंडिया अब केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रह गया है, यह लोगों का आंदोलन बन गया है. यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और भारत को दुनिया के लिए एक विश्वसनीय नवाचार भागीदार बनाने के लिए महत्वपूर्ण है."
2015 में लॉन्च किए गए डिजिटल इंडिया का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन लाना, डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार करना और सभी नागरिकों के लिए तकनीक को सुलभ बनाना था. प्रधानमंत्री के अनुसार, डिजिटल डिवाइड को पाटने के विजन के रूप में जो शुरू हुआ, वह अब समावेश और पारदर्शिता के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बन गया है.
पीएम मोदी ने लिखा कि इंटरनेट का उपयोग 2014 में केवल 25 करोड़ उपयोगकर्ताओं से बढ़कर आज 85 करोड़ से अधिक हो गया है. देश में 42 लाख किलोमीटर से ज़्यादा ऑप्टिकल फ़ाइबर केबल बिछाई जा चुकी है और भारत 5G सेवाएँ शुरू करने वाले सबसे तेज़ देशों में से एक बन गया है. दो साल में 4.8 लाख से ज़्यादा 5G बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया ने लाभों की सीधी डिलीवरी सुनिश्चित करके भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद की है.
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) सिस्टम के ज़रिए 34 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा सीधे नागरिकों को हस्तांतरित किए गए हैं, जिससे बिचौलियों और लीकेज को खत्म करके लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है. डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए पीएम ने कहा कि UPI ने हर साल 100 बिलियन से ज़्यादा रियल-टाइम ट्रांजेक्शन को सक्षम किया है, जबकि DigiLocker, CoWIN और PM-WANI जैसी पहलों ने सेवाओं को तेज़ और सरल बना दिया है.
DigiLocker के अब 54 करोड़ से ज़्यादा उपयोगकर्ता हैं और इसमें 775 करोड़ से ज़्यादा दस्तावेज़ संग्रहीत हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे SVAMITVA योजना ग्रामीण भूमि का नक्शा बनाने और ग्रामीणों को संपत्ति कार्ड देने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही है, जिससे उन्हें ऋण प्राप्त करने और भूमि विवादों को समाप्त करने में मदद मिल रही है. स्टार्टअप को आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में अब 1.25 लाख से ज़्यादा पंजीकृत स्टार्टअप और 110 से ज़्यादा यूनिकॉर्न हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार का भारत एआई मिशन किफायती कंप्यूटिंग एक्सेस प्रदान करेगा और भारतीय युवाओं को वैश्विक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्रांति का नेतृत्व करने में मदद करेगा. अपने समापन भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने दिखाया है कि कैसे सही इरादे, नवाचार और समावेशी नीतियां बड़े बदलाव ला सकती हैं. उन्होंने नागरिकों और नवोन्मेषकों से ऐसे समाधान बनाने का आग्रह किया जो वास्तविक समस्याओं का समाधान करें, समानता को बढ़ावा दें और भारत को डिजिटल दुनिया में अग्रणी बनाएं.