मिग-21 केवल विमान या मशीन नहीं, बल्कि भारत-रूस संबंधों का प्रमाण है : राजनाथ सिंह

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 26-09-2025
MiG-21 is not just an aircraft or a machine, but a testimony to India-Russia relations: Rajnath Singh
MiG-21 is not just an aircraft or a machine, but a testimony to India-Russia relations: Rajnath Singh

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मिग-21 केवल एक विमान या मशीन नहीं, बल्कि यह भारत और रूस के बीच मजबूत संबंधों का प्रमाण है.
 
उन्होंने कहा कि मिग-21 की 60 साल से अधिक की यात्रा बेजोड़ है. उन्होंने कहा कि इस विमान ने दशकों तक देश की सुरक्षा का भार अपने पंखों पर उठाये रखा और ‘‘हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाया तथा हमारी रणनीति को मजबूत किया.
 
सिंह यहां चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर रूसी लड़ाकू विमान मिग-21 को सेवामुक्त करने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
 
छह दशकों से भी अधिक समय तक भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे प्रसिद्ध लड़ाकू विमान मिकोयान-गुरेविच मिग-21 ने शुक्रवार को अंतिम बार भारतीय आकाश में उड़ान भरी और इसकी विदाई स्मृतियों के साथ इतिहास में दर्ज हो गई। मिग-21 लड़ाकू विमान 1960 के दशक से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े का हिस्सा रहे हैं.
 
सशस्त्र बलों की वीरता को याद करते हुए सिंह ने कहा कि उनकी बहादुरी की यात्रा में मिग-21 का बड़ा योगदान है.
 
सिंह ने कहा, ‘‘हम यहां मिग-21 की अंतिम उड़ान के लिए एकत्र हुए हैं। आपके बीच आकर, मैं गर्व और कृतज्ञता महसूस कर रहा हूं.
 
उन्होंने कहा, ‘‘आज जब हम मिग-21 को उसकी परिचालन यात्रा से विदाई दे रहे हैं, तो मुझे लगता है कि हम एक ऐसे अध्याय को विदाई दे रहे हैं जो सैन्य विमानन के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा.
 
उन्होंने कहा, ‘‘मिग-21 केवल एक विमान या मशीन नहीं है, बल्कि यह भारत और रूस के बीच मजबूत संबंधों का प्रमाण भी है.
 
उन्होंने कहा कि सैन्य विमानन का इतिहास अद्भुत है। उन्होंने कहा कि मिग- 21 विमानों ने सैन्य विमानन की यात्रा में कई गौरवपूर्ण क्षण जोड़े हैं.
 
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व के सैन्य विमानन के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में कोई लड़ाकू विमान नहीं बनाया गया है.
 
सिंह ने कहा कि विश्व में 11,500 से अधिक मिग-21 विमान बनाये गये और उनमें से 850 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने। उन्होंने कहा, ‘‘यह संख्या इस विमान की लोकप्रियता, विश्वसनीयता और बहुआयामी क्षमता का प्रमाण है.