राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बड़ा फेरबदल, पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी बने नए अध्यक्ष

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 30-04-2025
Major reshuffle in National Security Advisory Board, former RAW chief Alok Joshi becomes the new chairman
Major reshuffle in National Security Advisory Board, former RAW chief Alok Joshi becomes the new chairman

 

नई दिल्ली

पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में महत्वपूर्ण फेरबदल किया है.इस कदम को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को और सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.

सरकार ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है.इसके साथ ही बोर्ड में छह नए सदस्य भी शामिल किए गए हैं, जिनमें रक्षा, खुफिया, कूटनीति और पुलिस सेवा से जुड़े अनुभवी अधिकारी शामिल हैं.

नए नियुक्त सदस्य:

एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा (सेवानिवृत्त) – पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर

लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह (सेवानिवृत्त) – पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर

रियर एडमिरल मोंटी खन्ना (सेवानिवृत्त) – नौसेना से जुड़े पूर्व वरिष्ठ अधिकारी

राजीव रंजन वर्मा – सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी

मनमोहन सिंह – सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी

बी. वेंकटेश वर्मा – सेवानिवृत्त भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी

इन सभी विशेषज्ञों को शामिल कर 7सदस्यीय नया बोर्ड गठित किया गया है जो रणनीतिक मामलों, आतंरिक सुरक्षा, विदेशी नीति और सीमा पार खतरों से निपटने के लिए सरकार को सलाह देगा.

पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि में लिया गया निर्णय

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब हाल ही में पहलगाम में एक आत्मघाती आतंकी हमले में 25भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई.हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्र की चिंता और सक्रियता साफ झलकती है.

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की दूसरी बैठक आयोजित की गई.इससे पहले 23अप्रैल को पहली बैठक हुई थी, जिसमें इस हमले के सीमा पार लिंक और पाकिस्तान के समर्थन पर चर्चा हुई थी.

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया और आर्थिक विकास के बीच किया गया, जिसका उद्देश्य अस्थिरता फैलाना है.सरकार ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित रखने जैसे कदमों की घोषणा की है.

प्रधानमंत्री की बैठक और सशस्त्र बलों को खुली छूट

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं के प्रमुख — थलसेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख उपस्थित रहे.

बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा:“आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार भारत का संकल्प है.”प्रधानमंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में पूर्ण विश्वास जताते हुए उन्हें यह अधिकार दिया कि वे भारत की प्रतिक्रिया कैसे, कब और कहां देनी है, इसका निर्णय स्वतंत्र रूप से ले सकते हैं.

यह फेरबदल और लगातार हो रही उच्चस्तरीय बैठकें यह स्पष्ट संकेत देती हैं कि भारत अब राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर किसी भी तरह की ढील नहीं देने वाला है.