मड़ही पूजा: वारिस पिया और नंदबाबा की पूजा में उमड़े हजारों हिंदू-मुसलमान

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 10-07-2024
Madhi Puja
Madhi Puja

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली - नवादा

बिहार में कौआकोल के पाण्डेय गंगौट स्थित मड़ही में सांप्रदायिक सद्भाव की गंगा-जमुना बह रही है. यहां सूफी संत वारिस पिया और श्रीश्री 1008 नंदबाबा की दो दिवसीय वार्षिकी अठारहवीं पूजा बुधवार को पारंपरिक ढंग से शुरू हुई. संतों की समाधियों पर हुजूम उमड़ पड़ा और पूजा के बाद सूफी कव्वालियों और भजनों का दौर शुरू हो गया है. श्रद्धा और भक्ति का समागम देखते ही बन रहा है, जिसमें क्या हिंदू और क्या मुसलमान - सभी एक ही रंग में रंगे दिखाई पड़ रहे हैं.

https://www.hindi.awazthevoice.in/upload/news/172062078626_Madhi_Puja_Thousands_of_Hindus_and_Muslims_gathered_to_worship_Waris_Piya_and_Nandbaba_2.jpg

वारिस पिया की मजार पर सरकारी तौर पर चादरपोशी की गई, तो नंदबाबा की समाधि को गंगाजल से स्नान करवाया गया. बाबा को यज्ञोपवीत, धोती, कुर्ता और टोपी अर्पित किया गया. साथ ही 56 प्रकार के भोग भी चढ़ाए गए. मड़ही या मड़ई पूजा के बाद दूर-दराज के इलाकों से आए श्रद्धालुओं का भारी हुजूम सूफी भजनों की धुन पर मगन या झूमता नजर आ रहा है. सरकारी पूजा के बाद आम जनों द्वारा चादरपोशी व पूजन किया गया.

https://www.hindi.awazthevoice.in/upload/news/172062080226_Madhi_Puja_Thousands_of_Hindus_and_Muslims_gathered_to_worship_Waris_Piya_and_Nandbaba_3.jfif

खास बात यह है कि गा्रमीण इलाके का यह लोकोत्सव जंगल में मंगल जैसा होता है. सभी निकटवर्ती गांवों के लोगों के घरों में बाहर गांव से आए मेहमानों ने डेरा जमाया हुआ है, जो खासतौर पर इस त्योहार में शामिल होने के लिए आए हैं. ग्रामीण भी अपने मेहमानों की आव-भगत में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं.

लोग अपनी मन्नतें मांगने या मन्नतें पूरी होने पर शुकराने के तौर पर भी पूजा और प्रसाद चढ़ाने आ रहे हैं. पूरे नजारे में खास यह है कि एक सफ में लोग खड़े होकर पूजा करते हैं, जो जाति-पांति और धर्म-संप्रदाय से परे होकर भक्ति सागर में गोते लगा रहे हैं.