वैश्विक वृद्धि को लेकर मुख्य अर्थशास्त्रियों की चिंता, लेकिन भारत को लेकर आशावादी: डब्ल्यूईएफ रिपोर्ट

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 28-05-2025
Leading economists concerned about global growth, but optimistic about India: WEF report
Leading economists concerned about global growth, but optimistic about India: WEF report

 

नई दिल्ली

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर के प्रमुख अर्थशास्त्री वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंतित हैं, लेकिन दक्षिण एशिया और विशेष रूप से भारत को लेकर सबसे अधिक आशावान हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत क्षेत्रीय विकास का मुख्य इंजन बनने की ओर अग्रसर है।

‘मुख्य अर्थशास्त्री परिदृश्य’ नामक यह रिपोर्ट डब्ल्यूईएफ द्वारा जारी की गई है, जो निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के मुख्य अर्थशास्त्रियों के एक वैश्विक सर्वेक्षण पर आधारित है। रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि व्यापारिक नीतियों में अनिश्चितता और कृत्रिम मेधा (AI) के चलते पैदा हो रहे व्यवधान वैश्विक वृद्धि पर दबाव बना सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका की वर्तमान आर्थिक नीतियां विश्व स्तर पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती हैं। 87% अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इससे रणनीतिक निर्णयों में देरी और मंदी के जोखिम बढ़ सकते हैं।

वैश्विक दृष्टिकोण पर बात करें तो, रिपोर्ट के अनुसार:

  • उत्तरी अमेरिका में आर्थिक संभावनाएँ कमजोर हैं,

  • एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जुझारूपन है,

  • और यूरोप में सतर्क आशावाद देखने को मिल रहा है।

चीन को लेकर मिश्रित मत हैं। डब्ल्यूईएफ के अनुसार, अर्थशास्त्री यह तय नहीं कर पा रहे कि चीन 2025 में अपने 5% जीडीपी वृद्धि लक्ष्य को हासिल कर पाएगा या नहीं।

दक्षिण एशिया के बारे में रिपोर्ट कहती है कि यहाँ 33% अर्थशास्त्रियों को मजबूत या अत्यधिक मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। हालाँकि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव क्षेत्र की तात्कालिक चुनौती बना हुआ है, लेकिन भारत की स्थिरता और विकास दर क्षेत्र को आगे बढ़ा रही है

भारत, जो दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इस क्षेत्र की आर्थिक प्रगति का केंद्र बनने के लिए तैयार है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2025 के लिए 6.2% और 2026 के लिए 6.3% जीडीपी वृद्धि का अनुमान जताया है।

हालांकि, चीन के निर्यात मार्गों में बदलाव से क्षेत्र की संभावनाओं को झटका लगा है, लेकिन भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ हालिया मुक्त व्यापार समझौता इस निराशा के बीच आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है।

वैश्विक आर्थिक माहौल पर रिपोर्ट के निष्कर्ष:

  • 82% अर्थशास्त्रियों ने भविष्य को अत्यधिक अनिश्चित बताया,

  • 86% अर्थशास्त्रियों ने बढ़ते सरकारी कर्ज को लेकर चिंता जताई,

  • 79% विशेषज्ञों ने आर्थिक राष्ट्रवाद और शुल्कों की अस्थिरता को दीर्घकालिक निर्णयों में बाधा माना।

रिपोर्ट के अनुसार, कृत्रिम मेधा (AI) से विकास की उम्मीद की गई थी, लेकिन अब 47% अर्थशास्त्री इसके कारण नौकरियों के खत्म होने को लेकर चिंतित हैं। इसके अतिरिक्त, सबसे बड़ा जोखिम AI का दुरुपयोग कर गलत सूचना और सामाजिक अस्थिरता फैलाना माना गया है।

डब्ल्यूईएफ की यह रिपोर्ट बताती है कि जहां एक ओर वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता और दबाव से जूझ रही है, वहीं भारत दक्षिण एशिया में स्थायित्व और विकास का मजबूत स्तंभ बनकर उभर रहा है।