जानिए, G 7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को तोहफे में क्या भेंट क्या ?

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 28-06-2022
जी-7 समिट में पीएम मोदी
जी-7 समिट में पीएम मोदी

 

आवाज- द वॉयस ब्यूरो/ नई दिल्ली

विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्सर ऐसे उपहारों चुनते हैं जिनसे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और कलात्मक परंपराएं और विरासत झलकती हैं. इस बार भी उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रप्रमुखों के लिए ऐसे ही उपहार चुने हैं.

इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों की खासियतों वाले विशिष्ट कलाओं के नमूने चुने हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को गुलाबी मीनाकारी, वाराणसी की जीआई-टैग की गई कला, कफलिंक सेट और ब्रोच और जर्मन चांसलर को मेटल मरोडी मटका दिया गया, मुरादाबाद की उत्कृष्ट कृति मानी जाने वाली मटका नक्काशी का काम है.

प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के निजामाबाद के काले मिट्टी के बर्तन जापान के प्रधानमंत्री को भेंट किए और अपने ब्रिटिश समकक्ष को हाथ से किए गए काम के साथ प्लेटिनम पेंट की हुई चाय का सेट दिया.

उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति को जरदोजी बॉक्स में अतर (प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त इत्र) की बोतलें उपहार में दीं, और संगमरमर की प्रतिकृतियां जो आगरा में बनाई जाती हैं का टेबल टॉप इतालवी प्रधानमंत्री को उपहार में दीं.

सूत्रों के मुताबिक, सेनेगल के राष्ट्रपति के लिए मूंज टोकरियां और कपास की दरी (हैवी रन) जैसा उपहार था. इस प्रथा को सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और मजबूत महिलाओं द्वारा संचालित पारिवारिक आजीविका का साधन माना जाता है.

इंडोनेशियाई संस्कृति में रामायण परंपरा का स्थायी हिस्सा है इसलिए वहां के राष्ट्राध्यक्ष को पीएममोदी ने लाह के बर्तन पर बना ‘राम दरबार’भेंट किया. जीआई टैग किए गए लाह क सामान एक कला-रूप में वाराणसी से जुड़ा है.

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने अपने कनाडाई समकक्ष को हाथ से बुना हुआ रेशमी कालीन उपहार में दिया, जो कश्मीर का एक विशिष्ट उत्पाद है. रामायण और नंदी विषयों के साथ डोकरा कला क्रमशः दक्षिण अफ्रीकी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपतियों को गिफ्ट किए गए.

डोकरा कला एक धातु की ढलाई कला है, जिसमें मोम की ढलाई तकनीक का उपयोग किया जाता है. यह भारत में इसकी परंपरा 4,000 से अधिक वर्षों पुरानी है. यहदोनों उत्पाद छत्तीसगढ़ से हैं.मोदी मंगलवार को जर्मनी में एक उत्पादक जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने और कई विश्व नेताओं के साथ बातचीत करने के बाद संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हो गए.

इन विभिन्न कलाकृतियों का विवरण साझा करते हुए, आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि गुलाबी मीनाकारी में, शुद्ध चांदी के एक टुकड़े को आधार रूप में ढाला जाता है और चुने हुए डिजाइन को धातु पर उकेरा जाता है. उभरा हुआ आकार फिर एक दिलचस्प प्राकृतिक अनारदाना (अनार के बीज) गोंद के साथ मिश्रित मीना कांच के साथ बड़ी निपुणता से भर जाता है.

फिर इसे पारभासी रंग के पैच में बदलने के लिए निकाल दिया जाता है. यह चीज इसको अन्य मीनाकारी से अलग करता है.इस मीनाकारी में मुख्य रूप से गुलाबी रंग का उपयोग करते हैं, इसलिए इस मीनाकारी को गुलाबी मीनाकारी कहा जाता है.