‘Job in exchange for land’: Rabri Devi's lawyer argued – there is no direct relationship between land and job
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के वकील ने मंगलवार को ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामले में ‘‘जमीन और नौकरियों का एकदूसरे से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं होने की बात’’ रेखांकित की. इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं.
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपों पर दलीलें सुन रहे हैं. इस मामले के 103 आरोपियों में से चार की मृत्यु हो चुकी है.
राबड़ी देवी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने मंगलवार को अदालत में कहा कि ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामले में जमीन और नौकरी के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है, क्योंकि जमीन खरीदने के बाद संबंधित पक्षों को भुगतान किया गया था.
उन्होंने दलील दी, ‘‘जब भुगतान किया गया है, तो अधिक से अधिक यह कहा जा सकता है कि जमीन सस्ते दामों पर खरीदी गई। इसमें कोई लेन-देन नहीं है। जमीन की बिक्री इसलिए हो रही है, क्योंकि विक्रेता को पैसे की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी के खिलाफ एकमात्र आरोप यह है कि उन्हें लाभ हुआ.
वकील ने कहा, ‘‘सीबीआई का कहना है कि राबड़ी देवी जमीन की लाभार्थी हैं, लेकिन यदि मैं वास्तव में लाभार्थी हूं, तो मेरे पक्ष में कोई उपकार या बदले में कोई लाभ होना चाहिए। जब आप कहते हैं कि जमीन ली गई, तो उन्होंने इसके लिए भुगतान क्यों किया? जब बिक्री के दस्तावेज मौजूद हैं, तो उन्हें कैसे लाभ हुआ?’’
सिंह ने कहा, ‘‘यह कैसे कहा जा सकता है कि नौकरियां जमीन के बदले दी गईं? क्या सीबीआई ने कभी कहा कि जमीन खरीदने के बदले पैसे नहीं दिए गए?’’
उन्होंने कहा कि एजेंसी के एक मुख्य गवाह ने कहा कि उसे अपनी जमीन बेचने के लिए कहा गया, क्योंकि यादव एक चक (जमीन का एक बड़ा टुकड़ा) बना रहे थे.
वकील ने दलील दी, ‘‘जमीन खरीदना कोई अपराध नहीं है. सीबीआई द्वारा उठाया गया मुद्दा यह है कि लालू ने अभ्यर्थियों को नौकरियां देकर फायदा पहुंचाया और बदले में जमीन खरीदी। शुक्र है कि उन्होंने "खरीदी" शब्द का इस्तेमाल किया है.’
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद यादव के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र के ग्रुप-डी श्रेणी में नियुक्तियां की गईं, जिसके बदले में अभ्यर्थियों ने राजद प्रमुख के परिवार या सहयोगियों के नाम भूखंड उपहार में दिए या हस्तांतरित किए.