Celebration of sports will resonate in Dal Lake: 'Khelo India Water Sports Festival' will be held for the first time
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कश्मीर की धड़कन और श्रीनगर की पहचान कही जाने वाली डल झील अब इतिहास रचने जा रही है. जहाँ अब तक शिकारे और हाउसबोट्स की धीमी रफ्तार, तैरते बाग़ीचे और जाबरवान पहाड़ियों की छटा पर्यटकों को आकर्षित करती रही है, वहीं अब झील पहली बार खेलों की ऊर्जावान धड़कनों से गूंजेगी। 21 से 23 अगस्त तक डल झील ‘खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल’ की मेज़बानी करेगी.
संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, इस ऐतिहासिक आयोजन में देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 400 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। तीन प्रमुख स्पर्धाएँ रोइंग, कैनोइंग और कायाकिंग यहाँ पदक के लिए खेली जाएंगी. इसके साथ ही वॉटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेसिंग और शिकारा स्प्रिंट जैसे रोमांचक प्रदर्शन मैच भी होंगे। यह उत्सव न केवल खेलों का जश्न होगा, बल्कि कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता को भी दुनिया के सामने लाएगा.
सरकार लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को भारत का प्रमुख खेल केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है. गुलमर्ग पहले ही देश के शीतकालीन खेलों का गढ़ बन चुका है, जहाँ पाँच सफल संस्करण ‘खेलो इंडिया विंटर गेम्स’ के आयोजित हो चुके हैं. अब डल झील के इस आयोजन के साथ घाटी जल क्रीड़ाओं के मानचित्र पर भी अपनी जगह दर्ज कराने जा रही है.
खेल प्राधिकरण (एसएआई) और जम्मू-कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह उत्सव ‘खेलो भारत’ नीति का हिस्सा है. इस नीति का लक्ष्य जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना, स्थानीय ढाँचों का विकास करना और युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा करना है. आयोजन से न केवल खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को लाभ होगा, बल्कि शिकारा चलाने वाले, हाउसबोट मालिक और पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी लोगों को आर्थिक अवसर भी मिलेंगे.
झील की स्वच्छता और पारिस्थितिकी को बनाए रखने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर सफाई अभियान और खरपतवार हटाने के कार्य तेज़ किए गए हैं. आयोजन का शुभंकर हिमालयी किंगफिशर है, जबकि लोगो में डल झील की पहचान शिकारा को प्रमुखता दी गई है.
डल झील के शिकारा चालक और जल क्रीड़ा खिलाड़ी मोहम्मद रफ़ीक़ मल्ला ने उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “यह उत्सव न सिर्फ़ खिलाड़ियों के लिए, बल्कि हमारे जैसे लोगों के लिए भी नए अवसर लेकर आएगा, जो झील के भीतर रहते हैं। मैं चाहता हूँ कि पूरे देश के खिलाड़ी यहाँ खेलें और कश्मीर की खूबसूरती के साथ-साथ झील के जीवन को भी देखें लोग किस तरह झील से कमल और सब्ज़ियाँ चुनते हैं, कैसे शिकारे पर जीवन चलता है और ज़ाबरवान की पहाड़ियाँ इस सब पर पहरा देती हैं.