जम्मू
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने शनिवार रात किश्तवाड़ जिले की वारवान घाटी में बादल फटने से प्रभावित लोगों के लिए त्वरित राहत और पुनर्वास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
बुधवार शाम को हुए इस प्राकृतिक आपदा में मार्गी गांव में लगभग 15 मकानों को नुकसान पहुँचा है और बड़ी मात्रा में कृषि भूमि बह गई है। हालांकि, इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'X' पर घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसे "चौंकाने वाला नुकसान" बताया।
शनिवार सुबह, जिला उपायुक्त पंकज शर्मा और एसएसपी किश्तवाड़ नरेश सिंह हवाई मार्ग से वारवान पहुँचे और स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं ताकि स्थिति का सही मूल्यांकन किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि
-
प्रभावितों को तुरंत राहत और पुनर्वास प्रदान किया जाए,
-
सड़क और अन्य संपर्क सेवाओं की बहाली सुनिश्चित की जाए,
-
और ऊपरी क्षेत्रों में रह रहे बकरवाल समुदाय तक भी राहत पहुँची जाए ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मारवाह के उप-जिलाधिकारी मोहम्मद अशरफ ने बताया कि मार्गी गांव में आए इस बादल फटने की घटना में 14–15 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 100 से अधिक अन्य घरों को جزवी नुकसान पहुँचा है। इससे 100 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने बताया,"हालांकि किसी की जान नहीं गई है, लेकिन अन्य नुकसान का आकलन अभी जारी है और बचाव अभियान भी चल रहा है।"
प्रभावित लोगों के लिए सरकारी स्तर पर एक सामुदायिक रसोई (कम्युनिटी किचन) शुरू कर दी गई है और जरूरी आपूर्ति की बहाली का कार्य भी जारी है।