इस्लामिक सूचना केंद्र सांप्रदायिकता और नफरत के खिलाफ आगे आया, किया अंतरधार्मिक सम्मेलन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 28-12-2021
इस्लामिक सूचना केंद्र सांप्रदायिकता और नफरत के खिलाफ आगे आया, किया अंतरधार्मिक सम्मेलन
इस्लामिक सूचना केंद्र सांप्रदायिकता और नफरत के खिलाफ आगे आया, किया अंतरधार्मिक सम्मेलन

 

अलीगढ़/नई दिल्ली. हाल के सांप्रदायिक नफरत भरे भाषणों की पृष्ठभूमि में इस्लामिक सूचना केंद्र शांति और सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए अंतरधार्मिक सम्मेलनों का आयोजन कर रहा है. ऐसा ही एक सम्मेलन इस्लामिक सूचना केंद्र की ओर से अलीगढ़ में रविवार को आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न धर्मो के नेता और प्रतिनिधि शामिल हुए.


जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर और अन्य अंतरधार्मिक नेता देश में बढ़ती सांप्रदायिक नफरत, दुश्मनी और नफरत भरे भाषणों को खारिज करने के लिए अलीगढ़ की बैठक में एक साथ आए. समाज के भीतर अविश्वास को खत्म करने के लिए आने वाले समय में कुछ और बैठकें आयोजित की जाएंगी.

 

रविवार को अलीगढ़ में सभा को संबोधित करते हुए जेआईएच के उपाध्यक्ष ने कहा कि जो कोई आस्था के नाम पर हिंसा करता है, वह अपने ही धर्म का दुश्मन है. यह बताते हुए कि धर्म समाज में घृणा और हिंसा का मूल कारण नहीं है, क्योंकि सभी धर्म घृणा, उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ शिक्षा देते हैं. सलीम ने वर्चस्ववादी मानसिकता और राजनीतिक लाभ के लिए धर्म के दुरुपयोग को इसका मुख्य कारण बताया.

 

उन्होंने कहा, "कुछ लोग और समूह खुद को श्रेष्ठ समझते हैं और दूसरों को हीन समझते हैं. हालांकि, इस्लाम सभी मनुष्यों को ईश्वर का परिवार मानता है. दुनिया में हर समय और हर जगह, पैगंबर और ईश्वर के दूत एक संदेश के साथ पृथ्वी पर शांति और न्याय स्थापित करने के लिए आए."

 

उन्होंने एक-दूसरे के साथ सुख-दुख बांटने पर जोर देते हुए लोगों से सोशल मीडिया के बजाय सीधे और एक-एक संबंध स्थापित करने का आग्रह किया. यह रेखांकित किया कि किसी पर कुछ भी थोपा नहीं जाना चाहिए और सभी को सत्य की तलाश करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, जबकि किसी भी धर्म का उपयोग हिंसा और अत्याचार करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. सलीम ने लोगों को याद दिलाया कि न्याय के बिना समाज में शांति नहीं हो सकती.

 

सामाजिक समानता और न्याय की वकालत करते हुए गुरुद्वारा मसूदाबाद, अलीगढ़ के ज्ञानी रभजोत सिंह ने कहा, कोई जाति या समुदाय नहीं है और हर कोई अपने भगवान के पास वापस चला जाएगा, क्योंकि वे अपनी मां के गर्भ से आए थे. बौद्ध सोसाइटी ऑफ इंडिया के जय सिंह सुमन ने कहा कि गौतम बुद्ध हमेशा समानता और प्रेम की बात करते थे, जबकि बौद्ध धर्म ने समाज से छुआछूत को मिटाने की कोशिश की. हरे कृष्ण भक्ति केंद्र के दीपक शर्मा ने कहा है कि सनातन धर्म की शिक्षाओं के अनुसार सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान हैं. चर्च ऑफ द एसेंशन अलीगढ़ के रेवरेंड लॉरेंस दास ने कहा, "अगर हमारे दिल में दूसरों के लिए प्यार, शांति और नम्रता है, तो हमारे बीच आपसी दुश्मनी और नफरत पैदा नहीं हो सकती है."

 

आयोजकों का कहना है कि अंतरधार्मिक सम्मेलन हरिद्वार और रायपुर में प्रचारित सांप्रदायिक नफरत का मुकाबला है, जहां कई वक्ताओं ने एक विशेष समुदाय के खिलाफ जहर उगल दिया और क्रिसमस पर देश के विभिन्न हिस्सों में चर्चो में तोड़फोड़ की गई.