नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट में उल्लेख किया है कि हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में शामिल दो प्रमुख आरोपी आईएसआई के कट्टरपंथी थे, और उन्होंने पहले सीरिया में आईएसआई के इलाकों में साजिश रची थी.
एनआईए ने उल्लेख किया कि ये कट्टरपंथी मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन अहमद ताहा थे. अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद से दोनों आरोपी 2020 से फरार थे. उन्हें रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल में उनके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया था.
एनआईए की जांच में पता चला कि शाजिब वह व्यक्ति था, जिसने बम लगाया था. एनआईए ने सोमवार को चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के बाद एक बयान में कहा, ‘‘कर्नाटक के शिवमोगा जिले के रहने वाले शाजिब और ताहा दोनों ही आईएसआईएस के कट्टरपंथी थे और उन्होंने पहले सीरिया में आईएसआईएस के इलाकों में हिजरा करने की साजिश रची थी. वे अन्य भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस की विचारधारा में शामिल करने में सक्रिय रूप से शामिल थे और माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे युवाओं में से थे.’’
शाजिब और ताहा के अलावा, अन्य दो आरोपियों के नाम माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ हैं. उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और संपत्ति के विनाश और नुकसान की रोकथाम (पीडीएलपी) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वे मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.
इस साल 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे, ब्रुकफील्ड, आईटीपीएल बेंगलुरु में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे और होटल की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था. एनआईए ने 3 मार्च को मामले की जांच शुरू की थी. उसने आगे कहा कि ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक खाते प्राप्त किए थे और डार्क वेब से डाउनलोड किए गए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था.
जांच में आगे पता चला कि ताहा को पूर्व अपराधी शोएब अहमद मिर्जा ने मोहम्मद शहीद फैसल से मिलवाया था, जो लश्कर-ए-तैयबा बेंगलुरु षडयंत्र मामले में फरार है. एनआईए ने कहा, ‘‘ताहा ने फिर अपने हैंडलर फैसल को अल-हिंद आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में आरोपी महबूब पाशा और आईएसआईएस साउथ इंडिया के अमीर खाजा मोहिदीन और बाद में माज मुनीर अहमद से मिलवाया.’’
एनआईए ने कहा कि ताहा और शाजिब को उनके हैंडलर ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए फंड दिया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम-आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट करेंसी में बदल दिया था. एजेंसी ने कहा, ‘‘आरोपियों ने इस धन का इस्तेमाल बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए किया था. इसमें 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला भी शामिल था, जिसके बाद दो प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी.’’
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