उत्तराखंड के थराली आपदा प्रभावित क्षेत्रों का अंतर-मंत्रालयी दल ने किया दौरा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 09-09-2025
Inter-ministerial team visited Tharali disaster affected areas of Uttarakhand, also conducted aerial and ground survey
Inter-ministerial team visited Tharali disaster affected areas of Uttarakhand, also conducted aerial and ground survey

 

चमोली (उत्तराखंड)

केंद्र सरकार की एक अंतर-मंत्रालयी टीम ने सोमवार को चमोली जिले के थराली क्षेत्र का दौरा कर हालिया आपदा से हुए नुकसान का आकलन किया।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान के अनुसार, टीम ने प्रभावित इलाकों का हवाई और जमीनी निरीक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण में देवाल ब्लॉक के चेपाड़ो, कोटदीप, राड़ीबगड़, मोपाटा और नंदनगर गांव शामिल रहे।

डॉ. वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में दल ने सड़क मार्ग से भी क्षतिग्रस्त स्थलों का निरीक्षण किया और स्थानीय अधिकारियों से बातचीत कर नुकसान की वास्तविक स्थिति को समझा। उन्होंने कहा कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य आपदा के असर का आकलन करना है। टीम की ओर से भारत सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर राहत और पुनर्निर्माण की योजनाएं जल्द बनाई जाएंगी। इस रिपोर्ट में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, बुनियादी ढांचे की बहाली और दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों के ठोस कदम सुझाए जाएंगे।

कुलसारी राहत केंद्र में आयोजित बैठक के दौरान चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने विभागवार नुकसान का विस्तृत ब्यौरा पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से पेश किया। उन्होंने टीम को बताया कि चेपाड़ो बाजार के पीछे और अन्य क्षेत्रों में भूस्खलन ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि लगातार बारिश और भूस्खलन से सड़कों, पुलों, इमारतों, पेयजल योजनाओं, बिजली ढांचे और कृषि को भारी नुकसान हुआ है। विभागीय संपत्तियों का अनुमानित नुकसान लगभग 115 करोड़ रुपये आंका गया है। उन्होंने जोशीमठ ब्लॉक के पल्ला गांव और नंदनगर में जारी भूमि धंसाव पर भी चिंता जताई।

टीम ने स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की तेज़ प्रतिक्रिया और राहत-बचाव कार्यों की सराहना की। साथ ही उन्होंने चल रहे पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा भी की, जिनमें प्रभावित परिवारों को सहायता, राशन और चिकित्सा सुविधाएं, अस्थायी आश्रयों की व्यवस्था और सड़कों की शीघ्र बहाली के उपाय शामिल हैं।