निर्यात के कारण भारतीय कारखाने 25 प्रतिशत तक हरित बन रहे हैं: आईआईएम अध्ययन

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 05-10-2025
Indian factories becoming up to 25% greener due to exports: IIM study
Indian factories becoming up to 25% greener due to exports: IIM study

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
 निर्यात व्यावसायिक वृद्धि में सहायक होने के साथ ही भारतीय कारखानों को हरित भी बना रहा है। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), लखनऊ ने दो दशकों के आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद किए गए एक अध्ययन में यह पाया।
 
अध्ययन में इस बात की जांच की गई कि क्या निर्यात के कारण भारतीय विनिर्माण कंपनियां हरित प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो रही हैं।
 
आईआईएम-लखनऊ में अर्थशास्त्र और व्यावसायिक पर्यावरण के प्रोफेसर चंदन शर्मा के नेतृत्व में किया गया यह अध्ययन प्रतिष्ठित एनर्जी इकोनॉमिक्स (एल्सेवियर) पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
 
विकासशील देशों में पर्यावरणीय दबाव बढ़ाने के लिए अक्सर व्यापार की आलोचना की जाती है, लेकिन इस बात के सीमित प्रमाण हैं कि निर्यात आधारित कंपनियां हरित प्रथाओं को अपनाती हैं। खासकर ऊर्जा उपयोग के मामले में ऐसा देखा गया।
 
शर्मा ने पीटीआई-भाषा के बताया, ''हमारा शोध दर्शाता है कि निर्यात न केवल वृद्धि को बढ़ावा देता है, बल्कि भारतीय कारखानों को भी हरित बनाता है। वैश्विक बाजारों में प्रवेश करने के कुछ ही वर्षों के भीतर, कंपनियां उन्नत तकनीकों को अपनाकर अधिक ऊर्जा कुशल बन जाती हैं।''
 
अध्ययन के निष्कर्ष इस आम धारणा को चुनौती देते हैं कि वैश्वीकरण विकासशील देशों में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। इसके मुताबिक गैर-निर्यातक कंपनियों के मुकाबले किसी निर्यातक कंपनी की ऊर्जा दक्षता में तीन वर्षों के भीतर 25 प्रतिशत की वृद्धि होती है।