India suspends Bilawal Bhutto Zardari, Imran Khan's X accounts amid rising tensions with Pakistan
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खाते भारत में निलंबित कर दिए गए हैं.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अपने देश के आतंकवादी गुर्गों के साथ संबंधों को स्वीकार करते हुए कहा था कि पाकिस्तान का एक अतीत है. भुट्टो ने चरमपंथ के साथ पाकिस्तान के इतिहास को स्वीकार करते हुए दावा किया कि राष्ट्र को इसके परिणामस्वरूप नुकसान उठाना पड़ा है और उसके बाद से सुधार हुआ है. उनके बयान से पहले रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवादी समूहों को समर्थन और धन मुहैया कराने में पाकिस्तान की संलिप्तता की बात स्वीकार की थी.
गुरुवार को स्काई न्यूज के यल्दा हकीम से बातचीत में भुट्टो ने कहा, "जहां तक रक्षा मंत्री ने कहा है, मुझे नहीं लगता कि यह कोई रहस्य है कि पाकिस्तान का एक अतीत है... नतीजतन, हमने भुगता है, पाकिस्तान ने भुगता है। हम चरमपंथ की लहर के बाद लहर से गुजरे हैं. लेकिन हमने जो झेला है, उसके परिणामस्वरूप हमने अपने सबक भी सीखे हैं. हमने इस समस्या को हल करने के लिए आंतरिक सुधार किए हैं..."
"जहां तक पाकिस्तान के इतिहास का सवाल है, यह इतिहास है, और यह ऐसा कुछ नहीं है जिसमें हम आज हिस्सा ले रहे हैं. यह सच है कि यह हमारे इतिहास का एक दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा है," भुट्टो ने आगे कहा.
भुट्टो ने गुरुवार को मीरपुर खास में एक रैली को संबोधित किया और खोखली बयानबाजी करते हुए दावा किया कि पाकिस्तान शांति चाहता है लेकिन अगर भारत ने उन्हें उकसाया तो वह युद्ध के लिए तैयार है.
उन्होंने रैली में कहा, "पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण देश है और इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है. हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर कोई हमारी सिंधु पर हमला करता है, तो उसे युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए. हम युद्ध का ढोल नहीं पीटते, लेकिन अगर उकसाया गया, तो एकजुट पाकिस्तान की दहाड़ कानफोड़ू होगी." भुट्टो विवादास्पद बयान "या तो पानी बहेगा या खून बहेगा" के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे थे, जिसमें उन्होंने सिंधु जल संधि के निलंबन पर भारत को धमकी दी थी, जिसके तहत पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) पाकिस्तान को और पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलुज) भारत को आवंटित की गई हैं.