दिल्ली
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा और बढ़ने की संभावना है, भले ही इस साल चीन को निर्यात में तेज, लेकिन अस्थायी उछाल देखा गया हो।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2025 में भारत का चीन को निर्यात लगभग 90% बढ़कर 2.2 अरब डॉलर तक पहुंचा, लेकिन यह बढ़ोतरी सीमित उत्पादों जैसे नेफ्था और कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम तक ही सिमटी रही। अप्रैल-नवंबर 2025 में कुल निर्यात 33% बढ़कर 12.2 अरब डॉलर हुआ।
नेफ्था निर्यात इस अवधि में 172% बढ़ा और अक्टूबर में पांच गुना से अधिक हो गया, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड और मोबाइल कंपोनेंट्स में भी असामान्य उछाल देखा गया। इसके विपरीत, लोहा अयस्क और झींगा जैसे पारंपरिक निर्यात स्थिर या कमजोर रहे।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत का चीन से आयात लगातार बढ़ रहा है, जो 2025 में 123.5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसके कारण भारत का द्विपक्षीय व्यापार घाटा रिकॉर्ड 106 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। कुल आयात में लगभग 80% हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, ऑर्गेनिक केमिकल और प्लास्टिक का है।
GTRI ने चेताया कि मजबूत उत्पादन बढ़ावा, महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आयात निर्भरता कम करना और व्यापार निगरानी मजबूत करना आवश्यक है, वरना अस्थायी निर्यात उछाल भारत-चीन व्यापार असंतुलन को नहीं सुधार पाएंगे।






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