व्यवधान संसद सदस्यों की गरिमा के अनुरूप नहीं : राज्यसभा के सभापति राधाकृष्णन

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 19-12-2025
Disruption not in keeping with the dignity of Members of Parliament: Rajya Sabha Chairman Radhakrishnan
Disruption not in keeping with the dignity of Members of Parliament: Rajya Sabha Chairman Radhakrishnan

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली

 
 राज्यसभा के सभापति सी. पी. राधाकृष्णन ने ग्रामीण रोजगार गारंटी विधेयक (जी राम जी) के पारित होने के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा किए गए आचरण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शुक्रवार को कहा कि “व्यवधान संसद सदस्यों की गरिमा के अनुरूप नहीं” है। साथ ही सभापति ने उनसे आत्ममंथन करने तथा भविष्य में ऐसे आचरण से बचने का आग्रह किया।
 
राधाकृष्णन ने शीतकालीन सत्र की 15 दिवसीय बैठकों के दौरान संपन्न विधायी एवं अन्य कार्यों का संक्षिप्त ब्यौरा देने के बाद उच्च सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।
 
संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर को शुरू हुआ था और इस दौरान उच्च सदन की कुल 15 बैठकें हुईं।
 
सभापति ने कहा, “कल की बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा नारेबाजी करने, तख्तियां दिखाने, मंत्री के जवाब में बाधा डालने, कागज फाड़ने और उन्हें आसन के समक्ष फेंकने से जो व्यवधान पैदा हुआ, वह संसद सदस्यों की गरिमा के अनुरूप नहीं था। मैं उम्मीद करता हूं कि सदस्य आत्ममंथन करेंगे और भविष्य में ऐसे आचरण को नहीं दोहराएंगे।”
 
राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को आधी रात के बाद, 12 बज कर 35 मिनट तक बैठक कर 20 साल पुरानी ग्रामीण रोजगार योजना ‘‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’’ (मनरेगा) को प्रतिस्थापित करने वाला विधेयक पारित किया, जिसके तहत अकुशल श्रम के लिए प्रति परिवार गारंटी वाले कार्यदिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है।
 
विपक्षी सांसदों ने नए विधेयक़...‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ से राष्ट्रपिता का नाम हटाए जाने का विरोध किया।