India's Digital Revolution: The Complete Guide to Choosing the Perfect Payment Gateway
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत आज दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता डिजिटल पेमेंट्स बाज़ार बन चुका है. भारतीय रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में देश में डिजिटल भुगतान 18,000 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन पार कर चुके हैं, जबकि 2026 तक इसका मूल्य 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.यूपीआई से लेकर कार्ड और नेट बैंकिंग तक, डिजिटल भुगतान की रफ्तार ने न केवल उपभोक्ताओं की आदतें बदली हैं बल्कि व्यवसायों के लिए भी धन संग्रह करने के तरीकों में क्रांति ला दी है.
इस बढ़ते दौर में पेमेंट गेटवे सिर्फ बैकएंड सुविधा न होकर अब विकास, दक्षता और ग्राहक संतुष्टि का मुख्य आधार बन चुका है. सही पेमेंट गेटवे चुनना केवल ट्रांजैक्शन प्रोसेस करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भरोसा बनाने, लचीलापन देने और भविष्य के लिए आपके बिज़नेस को तैयार करने का तरीका है.
पेमेंट गेटवे क्यों ज़रूरी है
पेमेंट गेटवे ग्राहक और वित्तीय संस्थान के बीच एक सुरक्षित पुल की तरह काम करता है. आज यह सिर्फ ऑथराइजेशन नहीं बल्कि कन्वर्ज़न रेट्स, कार्ट एबंडनमेंट और कस्टमर लॉयल्टी तक को प्रभावित करता है. रिसर्च बताती है कि 10% ग्राहक अपनी पसंदीदा पेमेंट ऑप्शन उपलब्ध न होने पर खरीदारी छोड़ देते हैं और 17% ग्राहक फेल पेमेंट के बाद दोबारा वेबसाइट पर नहीं लौटते.