नई दिल्ली
भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर लिया है। यह जानकारी नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को दी। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताजा डाटा पर आधारित है।
‘विकसित राज्य से विकसित भारत 2047’ विषय पर आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग में पत्रकारों से बात करते हुए सुब्रह्मण्यम ने कहा:
“जैसा कि मैं बोल रहा हूं, भारत अब 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है। हम अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। यह कोई मेरा आंकड़ा नहीं है, यह IMF के आंकड़े हैं। आज भारत जापान से भी बड़ा है। अब हमसे आगे केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत नियोजित रणनीति के अनुसार चलता रहा,“तो अगले **2 से 3 वर्षों में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।”
IMF की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नाममात्र जीडीपी वर्ष 2026 तक 4,187.017 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो जापान की अनुमानित जीडीपी 4,186.431 अरब डॉलर से थोड़ा अधिक है।
साल 2024 तक भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था।
IMF की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत 2025 और 2026 में दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक:
2025 में भारत की वृद्धि दर 6.2% रहने की उम्मीद है
2026 में यह 6.3% तक पहुंच सकती है
इसके मुकाबले, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनुमानित वृद्धि दर
2025 में 2.8% और
2026 में 3.0% रहने की उम्मीद है
इस तुलना से स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक वृद्धि वैश्विक औसत से कहीं अधिक है।
बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत इस समय एक निर्णायक मोड़ पर है, जहां से वह तेज़ और स्थायी आर्थिक विकास की ओर बढ़ सकता है।
उन्होंने बताया कि गवर्निंग काउंसिल की बैठक में केंद्र और राज्यों के बीच विनिर्माण, सेवाएं, ग्रामीण गैर-कृषि क्षेत्र, शहरी एवं असंगठित क्षेत्र, और हरित तथा परिपत्र अर्थव्यवस्था जैसे विषयों पर रणनीतियां साझा की गईं।
उन्होंने कहा,“हमारे पास सब-थीम्स थे – मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज़, ग्रामीण गैर-कृषि क्षेत्र, शहरी असंगठित क्षेत्र, हरित अर्थव्यवस्था और सर्कुलर इकोनॉमी। इन्हीं प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई.”