नयी दिल्ली
भारत और नामीबिया ने शुक्रवार को चीता संरक्षण तथा आर्द्रभूमि संरक्षण में संबंधों को प्रगाढ़ करने के तरीकों पर चर्चा की।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जिम्बाब्वे के ‘विक्टोरिया फॉल्स’ में आर्द्रभूमि पर रामसर समझौते के पक्षकारों के सम्मेलन (सीओपी15) की 15वीं बैठक के दौरान अपनी नामीबियाई समकक्ष इंदिलेनी डैनियल से मुलाकात की।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमने भारत और नामीबिया के बीच दीर्घकालिक मित्रता और मजबूत पर्यावरणीय साझेदारी पर चर्चा की, जो आपसी सम्मान, लोकतांत्रिक मूल्यों और स्थिरता के लिए साझा प्राथमिकताओं पर आधारित है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘बैठक में चीता संरक्षण में संबंधों को और प्रगाढ़ करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया तथा आर्द्रभूमि और उनके द्वारा पोषित पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता पर भी बात की।’’
भारत में 1952 में ही विलुप्त हो चुके चीतों को पुन: बसाने के प्रयासों के तहत, अब तक 20 अफ्रीकी चीते देश में लाए जा चुके हैं। सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ और फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाये गए थे।
इनमें से 11 जीवित बचे हैं। अफ्रीकी चीते लाये जाने के बाद से, भारत में 26 शावकों का जन्म हुआ, जिनमें से 17 जीवित बचे हैं।