भारत अब मजबूती से खड़ा है, पहले कृषि बाज़ार खोलने का बनाया गया था दबाव: शिवराज सिंह चौहान

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 31-08-2025
India is now standing strong, earlier pressure was made to open the agricultural market: Shivraj Singh Chauhan
India is now standing strong, earlier pressure was made to open the agricultural market: Shivraj Singh Chauhan

 

विदिशा

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि कुछ देशों ने पहले भारत पर अपना कृषि बाजार पूरी तरह खोलने का दबाव बनाया था, लेकिन अब देश पूरे आत्मविश्वास के साथ वैश्विक मंच पर अपनी बात रख रहा है। उन्होंने हालांकि किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा अमेरिका की ओर था।

अपने लोकसभा क्षेत्र विदिशा में उन्नत कृषि पर आधारित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा,"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है, और किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।"

चौहान ने कहा,“एक समय था जब हमें अमेरिका जैसे देशों से कम गुणवत्ता वाले कृषि उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता था। लेकिन आज हमारे खाद्य भंडार भरे हुए हैं, और **भारत अब गर्व से अपनी बात दुनिया के सामने रखता है।"

उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष भारत ने कृषि क्षेत्र में 3.7 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि हासिल की है, जिससे गेहूं, चावल और मक्का का उत्पादन भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। इस उपलब्धि ने देश के खाद्य भंडार को भरने में अहम भूमिका निभाई है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने के वैश्विक प्रयासों के चलते भारत की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने की आशंका जताई गई थी, लेकिन इसके बावजूद तीन महीनों में ही भारत ने उच्चतम GDP वृद्धि दर्ज की, जिसमें कृषि क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान रहा।

चौहान ने इस अवसर पर किसानों के लिए छह-आयामी रणनीति की भी रूपरेखा पेश की और किसानों से पारंपरिक तरीकों से प्रेरित विविधीकरण अपनाने का आग्रह किया। इस रणनीति में शामिल हैं:

  1. अधिक उत्पादन

  2. कम लागत

  3. उचित मूल्य निर्धारण

  4. फसल क्षति की भरपाई

  5. फसल विविधीकरण

  6. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा

उन्होंने बताया कि खेती में विज्ञान और तकनीक को जोड़ने के लिए सरकार ने 2,170 वैज्ञानिक टीमों को किसानों के खेतों में तैनात किया है।

चौहान ने कहा,"आगामी रबी सीजन के लिए वैज्ञानिकों की ये टीमें 3 अक्टूबर से खेतों का दौरा करेंगी और किसानों को नई तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों के बारे में जानकारी देंगी, जिससे **उत्पादकता बढ़ेगी और लागत घटेगी।"

अंत में, उन्होंने देशवासियों से स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि“कपड़े, भोजन और दैनिक ज़रूरतों की चीज़ें स्थानीय स्तर पर बनी वस्तुएं खरीदें ताकि स्थानीय रोजगार और वाणिज्य को बढ़ावा मिल सके, और विदेशी उत्पादों पर निर्भरता घटे।