आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 1 मई से 9 जून 2025 तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी पाँच प्रमुख मौसम केंद्रों पर रिकॉर्ड किया गया अधिकतम तापमान खतरनाक स्तर तक पहुंचा। इस अवधि में दिल्लीवासियों को भीषण लू, अत्यधिक गर्म हवाओं और सूखे जैसे हालातों का सामना करना पड़ा। यह अवधि न केवल रिकॉर्ड तापमान की दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि इसके प्रभावों ने जनजीवन को गहराई से प्रभावित किया.
पांच प्रमुख मौसम केंद्रों का तापमान
IMD द्वारा प्रकाशित डेटा के अनुसार, दिल्ली के पाँच प्रमुख वेधशालाएं — सफदरजंग, पालम, लोधी रोड, आया नगर और रिज — सभी ने लगातार ऊँचे तापमान दर्ज किए.
लू की स्थिति और स्वास्थ्य पर प्रभाव
IMD की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि में दिल्ली में लू (heatwave) की स्थिति लगभग 15 से अधिक दिनों तक बनी रही, जो कि सामान्य औसत से अधिक है। अस्पतालों में हीट-स्ट्रोक, डीहाइड्रेशन और त्वचा संबंधित बीमारियों के मामले बढ़ गए। वृद्ध, बच्चे और श्रमिक वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुए।
कारण और जलवायु परिवर्तन की भूमिका
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष तापमान में असामान्य वृद्धि का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन, शहरी हीट आइलैंड प्रभाव, और मॉनसून की देरी है. उत्तर भारत में मानसून सामान्य से देरी से पहुंचा, जिससे लगातार गर्म हवाएं चलती रहीं और तापमान तेजी से बढ़ा.
क्या है IMD की चेतावनी?
आईएमडी ने जून के बाकी दिनों के लिए भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. मौसम विभाग ने कहा है कि जब तक मानसून दिल्ली नहीं पहुंचता, तापमान 44°C से ऊपर बना रह सकता है। उन्होंने लोगों से दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचने, हल्के और ढीले कपड़े पहनने, अधिक से अधिक पानी पीने और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है.