प्रक्रिया 25 जनवरी 2022 से पहले शुरू हुई तो कानून के तहत आयुसीमा लागू नहीं होगी: न्यायालय

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 09-10-2025
If the process begins before January 25, 2022, the age limit under the law will not apply: Court
If the process begins before January 25, 2022, the age limit under the law will not apply: Court

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को एक अहम फैसले में कहा कि 2021 के सरोगेसी कानून के तहत आयुसीमा उन इच्छुक जोड़ों पर लागू नहीं होगी, जिन्होंने 25 जनवरी, 2022 को कानून लागू होने से पहले भ्रूण ‘फ्रीज’ करने जैसी प्रक्रिया शुरू कर दी थी।

अधिनियम में इच्छुक दंपति और सरोगेट (किराये की कोख देने वाली) माताओं के लिए आयुसीमा निर्धारित की गई है।
 
न्यायालय सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के एक प्रावधान पर विचार कर रहा था, जिसमें कहा गया है कि इच्छुक जोड़े के लिए "पात्रता प्रमाण पत्र" आवश्यक है जो यह प्रमाणित करता हो कि वे विवाहित हैं और प्रमाणीकरण के दिन महिला के मामले में उनकी आयु 23 से 50 वर्ष के बीच हो तथा पुरुष के मामले में 26 से 55 वर्ष के बीच हो।
 
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि यह कानून 25 जनवरी, 2022 को लागू किया गया। पीठ ने कहा कि 25 जनवरी, 2022 से पहले सरोगेसी का लाभ लेने के इच्छुक जोड़ों पर आयु प्रतिबंध के संबंध में कोई बाध्यकारी कानून नहीं था।
 
पीठ ने कहा कि जब सरोगेसी की प्रक्रिया शुरू करने पर कोई प्रतिबंध नहीं था, तो राज्य को इस संबंध में सरोगेसी की क्षमता पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।
 
शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि इच्छुक दंपति ने सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के लागू होने से पहले विभिन्न प्रक्रियाओं को शुरू कर दिया था तो आयु प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
 
पीठ ने तीन जोड़ों द्वारा दायर याचिकाओं और एक आवेदन पर यह फैसला सुनाया, जिनकी सामान्य शिकायत ऊपरी आयु सीमा से संबंधित थी।
 
पीठ ने स्पष्ट किया कि अदालत अधिनियम के तहत आयुसीमा निर्धारित करने या इसकी वैधता पर निर्णय पारित करने में संसद के विवेक पर सवाल नहीं उठा रही है।