हैदराबाद की जानी-मानी हस्ती सैयद विकारुद्दीन का निधन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-12-2021
सैयद विकारुद्दीन
सैयद विकारुद्दीन

 

हैदराबाद. हैदराबाद के प्रमुख मुस्लिम व्यक्तित्व सैयद विकारुद्दीन ने भारत और अरब देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कठिन प्रयास किए हैं. उनका लंबी बीमारी के बाद यहां निधन हो गया. वह 82वर्ष के थे.

विकारुद्दीन उर्दू दैनिक रहनुमा-ए-डेक्कन के संपादक थे, जिसने पिछले साल अपनी शताब्दी पूरी की है.

उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि विकारुद्दीन ने गुरुवार देर रात एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह भारत और अरब देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त एक गैर सरकारी संगठन इंडो-अरब लीग के अध्यक्ष थे.

हैदराबाद के कुलीन परिवार के वंशज, विकारुद्दीन को भारत और अरब दुनिया के बीच की खाई को पाटने और इस खोज में 22से अधिक देशों की यात्रा करने के अपने प्रयासों के लिए अत्यधिक सम्मानित किया गया था. उन्होंने फिलिस्तीनी शांति के लिए भारतीय समर्थन के कारण का बीड़ा उठाया.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, विकारुद्दीन का प्रकाशन कई दशकों तक उर्दू पत्रकारिता का स्वर्ण मानक था.

उन्हें फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास सहित कई राज्यों और सरकारों के प्रमुखों को बुलाने का गौरव प्राप्त था.

विकारुद्दीन के निमंत्रण पर ही महान फिलिस्तीनी नेता यासर अराफात दो बार हैदराबाद आए थे. 1997में हैदराबाद की अपनी अंतिम यात्रा के दौरान, अराफात ने भारत-अरब सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखी थी.

विकारुद्दीन ने मोरक्को के राजा, इराक, यमन, साइप्रस, मालदीव, ईरान, फिलिस्तीन, सूडान और लीबिया के प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. उन्होंने कई यूरोपीय देशों और अमेरिका का भी दौरा किया था.

उन्हें ‘स्टार ऑफ मोरक्को’ के रूप में भी सम्मानित किया गया था. यह नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में मोरक्को के राजा मोहम्मद चतुर्थ द्वारा व्यक्तिगत रूप से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान था.

विकारुद्दीन को 2015में फिलिस्तीन के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘स्टार ऑफ जेरूसलम’ से भी सम्मानित किया गया था, क्योंकि वह फिलिस्तीनियों के प्रबल समर्थक थे.

लीग ने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अतीत में कई बैठकें आयोजित की थीं. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, वी.पी. सिंह, आई.के. गुजराल और अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी सभाओं को संबोधित किया था.

विकारुद्दीन ने हैदराबाद में अपना वाणिज्य दूतावास स्थापित करने के लिए फिलिस्तीन को मुफ्त जमीन की पेशकश की थी और हैदराबाद में एक इंडो-अरब विश्वविद्यालय स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा था.

उन्होंने आंध्र प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम और आंध्र प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सैयद विकारुद्दीन के निधन पर शोक व्यक्त किया है.