शेख मुहम्मद यूनिस / हैदराबाद
मुस्लिम उम्माह की ओर से लोगों की सेवा और कोरोना मरीजों की मदद के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है. कोरोना रोगियों को ऑक्सीजन सिलेंडर और दवा उपलब्ध कराने के अलावा, मुसलमान धर्म या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना अंतिम संस्कार और दफनाने में सबसे आगे हैं. इतना ही नहीं कोरोना से प्रभावित गरीब और जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए मस्जिदों के दरवाजे भी खोल दिए गए हैं. कोरोना सेंटर में 50 लोगों का स्टाफ है, जो तीन शिफ्ट में काम करेगा. इनमें 4 डॉक्टर, 4 नर्स और चार बेडसाइड केयर वर्कर होंगे. इन सभी की 6-6 घंटे की शिफ्ट होगी. फिजियोथेरेपिस्ट और डाइटिशियन भी मौजूद रहेंगे. सफाई कर्मचारी व अन्य सहयोगी स्टाफ भी रहेगा.
हैदराबाद के राजेंद्र नगर में एक मस्जिद के दरवाजे कोविड-19 से प्रभावित गरीब, परेशान और परेशान मरीजों की मदद के लिए खोले गए हैं.
मस्जिद मोहम्मदी अहल-ए-हदीस आराम घर चोरहा स्तंभ संख्या 305 हैदराबाद के सामने एक रोटरी और बीज अलगाव केंद्र स्थापित किया गया है, जहां 40 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है और सभी बिस्तर ऑक्सीजन को छोड़कर सभी आवश्यकताओं से सुसज्जित हैं.
एक अलगाव केंद्र रोटरी क्लब ऑफ हैदराबाद डेक्कन और हेल्पिंग हैंड्स ऑफ रोटरी ट्रस्ट के सहयोग से मस्जिद मोहम्मदी से सटे दो मंजिला इमारत में स्थापित किया गया है. केंद्र का आयोजन हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन, एक गैर सरकारी संगठन द्वारा किया जाता है.
सभी सुविधाएं मुफ्त प्रदान की जा रही हैं गरीब और जरूरतमंद कोरोना मरीज.
मस्जिदें अल्लाह का घर होती हैं, जहां नमाज अदा की जाती है. हालांकि, मौजूदा स्थिति में मानव अस्तित्व एक चुनौती बन गया है. कोरोना की दूसरी लहर बेहद घातक है. हर दिन लाखों लोग घातक कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं और हजारों मौतें हो रही हैं. स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. ऐसे में मानवता की सेवा समय की जरूरत है.
इन सभी मुद्दों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के बाद, जमीयत अहले हदीस तेलंगाना ने मदद के लिए मस्जिद मोहम्मदी के दरवाजे खोले. गंभीर रूप से बीमार ने खोलने का फैसला किया.
मस्जिद मोहम्मदी
बात चाहे लॉकडाउन के दौरान गरीबों की मदद की हो या कोरोना में मरने वालों के अंतिम संस्कार और दफनाने की बात हो, मुस्लिम उम्माह ने धर्म या राष्ट्र की परवाह किए बिना मानवता की अतुलनीय सेवा की है. मानवता की सेवा की जा रही है.
अमीर प्रांतीय जमीयत अहले हदीस तेलंगाना मौलाना डॉ. सैयद आसिफ उमरी ने कहा कि जमीयत अहले हदीस के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण और संरक्षण में मस्जिद मोहम्मदी में एक आइसोलेशन सेंटर स्थापित किया गया है, जो कोविड से पीड़ित जरूरतमंद और गरीब रोगियों की मदद के लिए 19 कि 40 बेड हैं. सभी बिस्तरों को ऑक्सीजन से जोड़ दिया गया है. सभी आवश्यक दवाओं की व्यवस्था की गई है.
कोरोना पीड़ितों की मदद करने वाली टीम
उन्होंने कहा कि उक्त आइसोलेशन सेंटर सभी आधुनिक आवश्यकताओं से सुसज्जित है. आवश्यक डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी हमेशा रोगियों की सेवा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि लागत कोविड 19 का उपचार असाधारण और गरीबों की पहुंच से बाहर है. गरीब और जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए केंद्र की स्थापना की गई है. यहां सभी सुविधाएं मुफ्त प्रदान की जाती हैं.