वार्षिक तीर्थयात्रा की शुरुआत के पहले दिन सबरीमला में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 17-11-2025
Huge crowd of devotees at Sabarimala on the first day of the annual pilgrimage
Huge crowd of devotees at Sabarimala on the first day of the annual pilgrimage

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
मलयालम माह ‘वृश्चिकम’ के प्रथम दिन सोमवार को सैकड़ों श्रद्धालु यहां स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। यह महीना वार्षिक मंडलम-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा सत्र की शुरुआत का प्रतीक है।
 
पारंपरिक रूप से काले परिधान पहने और सिर पर ‘इरुमुदिकेट्टू’ (पवित्र गठरी) लिए तीर्थयात्री भगवान अयप्पा की पूजा-अर्चना के लिए घंटों कतार में खड़े रहे।
 
जैसे ही नवनियुक्त ‘मेलसंथी’ (मुख्य पुजारी) ई. डी. प्रसाद नंबूदरी ने मंदिर के कपाट खोले, श्रद्धालुओं ने एक स्वर में भगवान अयप्पा की स्तुति की।
 
त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने एक बयान में बताया कि मंदिर ‘तंत्री’ कांतारारू महेश मोहनारू की उपस्थिति में खोला गया।
 
टीडीबी के अधिकारियों ने बताया कि सुबह से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है।
 
बयान में कहा गया कि मंदिर के खुलने के समय देवस्वओम बोर्ड के सचिव पी. एन. गणेश्वरन पोट्टी, सबरीमला के कार्यकारी अधिकारी ओ. जी. बीजू और अन्य लोग मौजूद थे।
 
तड़के तीन बजे जब मंदिर खुला, तो ‘नदपंडाल’ (पथ) और ‘सोपानम’ (पवित्र सीढ़ियां) पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। गर्भगृह के खुलने के बाद निर्माल्य अभिषेकम्, गणपति होमम् और नेय्याभिषेकम् जैसे अनुष्ठान किए गए।
 
टीडीबी प्राधिकारियों ने बताया कि मंदिर अपराह्न एक बजे बंद होने के बाद अपराह्न तीन बजे फिर से खुलेगा और अंत में रात 11 बजे भगवान अयप्पा की लोरी ‘हरिवरसनम’ के साथ बंद होगा।
 
वार्षिक मंडलम-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा सत्र दो महीने से अधिक समय तक चलेगा।
 
टीडीबी ने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तीर्थयात्रियों की दैनिक संख्या 90,000 तक सीमित कर दी गई है।