अदाणी को संपत्ति बेचने की अनुमति मांगने वाली सहारा कंपनी की याचिका पर सुनवाई छह सप्ताह तक टली

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 17-11-2025
Hearing on Sahara's plea seeking permission to sell assets to Adani was adjourned for six weeks.
Hearing on Sahara's plea seeking permission to sell assets to Adani was adjourned for six weeks.

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह की उस याचिका पर सुनवाई छह सप्ताह के लिए सोमवार को टाल दी जिसमें अदाणी समूह को संपत्तियां बेचने की अनुमति मांगी गई थी।
 
न्यायालय ने केंद्र से कहा कि वह इस मुद्दे पर न्यायमित्र द्वारा प्रस्तुत अभिवेदन पर भी अपना जवाब दाखिल करे।
 
प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने इस मामले में सहकारिता मंत्रालय को पक्षकार बनाया।
 
इससे पहले केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सहारा समूह ने कई सहकारी समितियां बनाई हैं जो प्रभावित हो सकती हैं।
 
इस मामले में न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े ने अदालत को एक अभिवेदन सौंपते हुए कहा कि उन्हें सहारा समूह द्वारा बेची जाने वाली संपत्तियों के संबंध में बहुत सारी आपत्तियां मिली हैं। खासतौर पर 34 संपत्तियों के संबंध में आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं।
 
सहारा समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह न्यायमित्र द्वारा प्रस्तुत अभिवेदन पर प्रतिक्रिया दाखिल करना चाहेंगे। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि बहुत सारी संपत्तियां जाली दस्तावेजों के आधार पर बेची या पट्टे पर दी गईं।
 
पीठ ने कहा कि बिक्री या पट्टे के दस्तावेजों पर गौर करने के लिए यह उपयुक्त मंच नहीं है और अधीनस्थ अदालत या (कोई गठित) विशिष्ट समिति ही इन दस्तावेजों पर गौर कर सकती है।
 
प्रधान न्यायाधीश गवई ने नफड़े से कहा, ‘‘ सरकार को अपना जवाब दाखिल करने दीजिए और फिर हम उन मुद्दों पर विचार करेंगे।’’
 
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह के लिए टाल दी और केंद्र से सहारा कंपनी की याचिका के साथ-साथ न्यायमित्र के अभिवेदन पर भी अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
 
शीर्ष अदालत ने 14 अक्टूबर को सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की याचिका पर केंद्र, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और अन्य हितधारकों से जवाब मांगा था।
 
इस याचिका में सहारा ने अपनी 88 प्रमुख संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की अनुमति मांगी थी।
 
 
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