शिमला (हिमाचल प्रदेश)
लगातार मानसून से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक उपयोगिताओं में भारी व्यवधान जारी है, जिससे सैकड़ों सड़कें, बिजली ट्रांसफार्मर और जल योजनाएँ प्रभावित हुई हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने 7 सितंबर, 2025 को सुबह 10:00 बजे तक बड़ी संख्या में यातायात अवरोधों की सूचना दी है।
मानसून के मौसम की शुरुआत से अब तक कुल मृतकों की संख्या 366 तक पहुँच गई है, जिसमें बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतें अलग-अलग दर्ज की गई हैं। कुल मौतों में से 203 बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण हुईं, जबकि 163 सड़क दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप हुईं।
एसईओसी की नवीनतम स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, 7 सितंबर, 2025 की सुबह तक राज्य भर में कुल 866 सड़कें अवरुद्ध थीं। इसमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग: एनएच-03, एनएच-05 और एनएच-305 शामिल हैं।
सड़क अवरोधों के मामले में कुल्लू राज्य का सबसे अधिक प्रभावित जिला है, उसके बाद मंडी और शिमला का स्थान है।
कुल्लू जिले में सबसे अधिक 225 सड़कें बाधित हुईं, जिसके बाद मंडी में 191 और शिमला में 154 सड़कें बाधित हुईं। इन बाधितों का मुख्य कारण भारी वर्षा है।
अन्य जिलों में सड़क बाधितों की संख्या इस प्रकार बताई गई: चंबा (116), सिरमौर (45), कांगड़ा (42), ऊना (33), सोलन (22), बिलासपुर (18), लाहौल और स्पीति (11), किन्नौर (6) और हमीरपुर (3)।
बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है, 1,572 वितरण ट्रांसफार्मर (डीटीआर) खराब हो गए हैं। कुल्लू जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जहां 873 डीटीआर बाधित हुए, उसके बाद मंडी में 259 और लाहौल और स्पीति (एल एंड एस) में 142 बाधित हुए।
इसके बाद सबसे ज़्यादा संख्या मंडी (79) और कुल्लू (63) में रही।
जनता को लगातार सतर्क रहने, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा से बचने और मौसम संबंधी सलाह पर ध्यान देने की सलाह दी जा रही है।