Heavy security in Dhaka, streets deserted; atmosphere tense ahead of verdict against Hasina
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध से जुड़े एक मामले में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के फैसले से पहले सोमवार को राजधानी ढाका सहित पूरे देश में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
सामान्य दिनों में सुबह के समय यातायात जाम से जूझने वाली ढाका की सड़कें सोमवार को लगभग खाली रहीं। कुछेक कार और रिक्शे ही कड़ी निगरानी वाले चौराहों से गुजरते दिखाई दिए।
यह स्थिति एक रात पहले हुए छिटपुट आगजनी और देसी बम हमलों के बाद है। अज्ञात हमलावरों ने एक थाने के एक हिस्से में आग लगा दी और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के एक सलाहकार के आवास के बाहर दो देसी बम विस्फोट किए। ढाका के कई प्रमुख चौराहों से भी धमाकों की खबरें आयीं।
रंगपुर, चटगांव और अन्य शहरों से भी इसी तरह की स्थिति की सूचना मिली, जहां भीड़ कम थी। सुरक्षा बलों ने गश्त तेज कर दी है।
भंग हो चुकी हसीना की पार्टी अवामी लीग द्वारा दो दिवसीय बंद के आह्वान के बाद किसी भी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए अधिकारियों ने सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस को सख्त चौकसी पर रखा है।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (आईसीटी-बीडी) परिसर, सचिवालय, उच्चतम न्यायालय परिसर, प्रधानमंत्री कार्यालय और राजनयिक क्षेत्र के आसपास सुरक्षा बलों की गश्त कड़ी कर दी गई है।
मुख्य मार्गों पर बख्तरबंद वाहन, पानी की बौछारों के लिए वाहन (वाटर कैनन) और रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) तथा पुलिस की दंगा-नियंत्रण टीम तैनात की गई हैं। शहर में आवाजाही की निगरानी के लिए कई जगह नाके भी स्थापित किए गए हैं।
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने अपने कर्मियों को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की अनुमति दे दी है।
डीएमपी आयुक्त एस एम सज्जात अली ने रविवार देर रात कहा, “जो कोई भी बस में आग लगाएगा या बम फेंकेगा, उसे गोली मारी जानी चाहिए।”
अभियोजन पक्ष ने 78 वर्षीय हसीना के लिए मृत्युदंड की मांग की है।