वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता पर SC में सुनवाई, विवादों के बीच नए मोड़ की उम्मीद

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 05-05-2025
Hearing in SC on constitutional validity of Wakf Act, new turn expected amid controversies
Hearing in SC on constitutional validity of Wakf Act, new turn expected amid controversies

 

आवाज द वॉयस /नई दिल्ली

 
Waqf board: सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई करेगा. यह कानून विवादास्पद है, क्योंकि इसमें वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और मुस्लिम संगठनों में राज्य के हस्तक्षेप को लेकर सवाल उठाए गए हैं. संसद द्वारा इसे पारित किए जाने के बाद कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने इसे चुनौती दी है.

यह मामला उन विधायी प्रावधानों से संबंधित है जिनकी मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक दलों ने तीव्र आलोचना की है. बता दें, याचिकाओं के इस समूह में प्रमुख हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर याचिका भी शामिल है. अदालत ने इस मामले को महत्वपूर्ण मानते हुए इसे जल्द सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.कोर्ट ने पहले इस कानून के दो प्रमुख प्रावधानों को लागू करने पर अस्थायी रोक लगाई थी, और अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सभी को इंतजार है
 
वक्फ कानून के विवादित प्रावधानों पर SC की नजर

सुप्रीम कोर्ट में आज जो पांच याचिकाएं सुनवाई के लिए रखी गई हैं, उनमें वक्फ (संशोधन) अधिनियम के दो प्रमुख प्रावधानों को चुनौती दी गई है. एक प्रमुख मुद्दा यह है कि क्या गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में नियुक्त करने का अधिकार दिया जा सकता है. इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों के ‘वक्फ बाय यूजर’ के तहत पंजीकरण की वैधता पर भी सवाल उठाए गए हैं. याचिकाकर्ता इसे संविधान के खिलाफ मानते हैं और कहते हैं कि इससे धार्मिक मामलों में राज्य हस्तक्षेप बढ़ सकता है.
 
सरकार ने पहले ही दो प्रमुख बिंदुओं पर दी थी रोक

केंद्र सरकार ने कुछ सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कुछ प्रावधानों को लागू करने पर अस्थायी रोक लगा दी थी. इस रोक के तहत, सरकार ने ‘वक्फ बाय यूजर’ जैसी संपत्तियों के पंजीकरण को टाल दिया और केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्ड में किसी भी नई नियुक्ति पर भी रोक लगा दी. सरकार ने यह कदम अदालत में सुनवाई से पहले उठाया था, ताकि इस विवादास्पद कानून को लेकर किसी प्रकार की नई स्थिति उत्पन्न न हो.
 
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और आने वाली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ, जिसमें चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन शामिल हैं, इस मामले पर विचार करेगी. पिछली सुनवाई में अदालत ने इस कानून की संवैधानिक वैधता पर केंद्र से प्रारंभिक जवाब देने का आदेश दिया था. केंद्र ने इस समय यह तर्क प्रस्तुत किया था कि वक्फ कानून संसद के जरिए व्यापक चर्चा के बाद पारित किया गया था और इसे चुनौती देना अनुचित होगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले से पंजीकृत वक्फ संपत्तियों और ‘वक्फ बाय यूजर’ को तब तक छेड़ा नहीं जाएगा जब तक इस मामले पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता.
 
संसद में हुई इस कानून की स्वीकृति और विवाद

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को पिछले महीने राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी, जिसके बाद यह कानून लागू हुआ. इसे लोकसभा में भारी बहुमत से पारित किया गया था, जहां 288 सदस्यों ने इसे समर्थन दिया था और 232 ने इसका विरोध किया था. राज्यसभा में भी इसके पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े थे. हालांकि, इसके पास होने के बाद से विभिन्न मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक दलों ने इसके प्रावधानों को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनका कहना है कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता और वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता को प्रभावित कर सकता है.