Govardhan puja 2024: Vishwakarma Day is celebrated on this day and Chitragupta Puja is performed
ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है. लेकिन पंचांग के अनुसार यह त्योहार कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि को होती है. इस साल प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर 2024 को शाम 6 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी, जिसका समापन 2 नवंबर को रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार शनिवार 2 नवंबर के दिन मनाया जाएगा.
गोवर्धन पूजा का पर्व भगवान श्रीकृष्ण, गोवर्धन पर्वत और इंद्र (Indra) से जुड़ी है. धार्मिक कथाओं के अनुसार, इस पर्व की शुरुआत श्रीकृष्ण ने ही की थी. गोवर्धन के दिन गोबर से गौ माता, गोवर्धन पर्वत और कृष्ण के बाल स्वरूप की आकृति बनाकर पूजा की जाती है.
गोवर्धन पूजा की शुरुआत कैसे हुई
गोवर्धन पूजा से जुड़ी कथा के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव के घमंड को चूर किया था. जब इंद्रदेव ने क्रोधित होकर अपना प्रकोप दिखाते हुए बृज में भारी वर्षा कराई तब श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठ अंगुली से गोवर्धन पर्वत छावनी बनाया और बृजवासियों की रक्षा की. इसके बाद से ही गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा की शुरुआत हुई.
विश्वकर्मा डे
इस साल विश्वकर्मा डे 2 नवंबर को मनाया जाएगा. ये पर्व गोवर्धन पूजा के दिन मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने काम में प्रयोग होने वाली मशीनों और औजारों की साफ-सफाई करक उनकी पूजा करते हैं.
वैसे ब्रह्मांड के पहले इंजीनियर कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है. इस दिन हर कारखाने, फैक्ट्री और दुकानों में उनकी धूमधाम से पूजा की जाती है. इस दिन औजार से जुड़ा काम करने वाले कुशल मजदूर और कामगार औजार का प्रयोग नहीं करते बल्कि उनकी पूजा करके उन्हें एक दिन के आराम देते हैं.
चित्रगुप्त पूजा
हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है. चित्रगुप्त यमराज के सहायक हैं. वैसे तो हर समाज के लोग इनकी पूजा करते हैं लेकिन कायस्थ समाज इन्हें अपना पितृ पुरुष मानता है. भगवान चित्रगुप्त ही हर प्राणी के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब रखते हैं.
पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि 02 नवंबर, शनिवार की रात 08 बजकर 22 मिनिट से शुरू होगी, जो 03 नवंबर, रविवार की रात 10 बजकर 05 मिनिट तक रहेगी. चूंकि द्वितिया तिथि का सूर्योदय 3 नवंबर को होगा, इसलिए इसी दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा का पर्व मनाया जाएगा.