गुलाम नबी आजाद ने धारा 370 को खत्म करने में मदद कीः अल्ताफ बुखारी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 28-08-2022
अल्ताफ बुखारी
अल्ताफ बुखारी

 

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर की अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में अगर किसी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका थी, तो वह गुलाम नबी आजाद हैं. गुलाम नबी आजाद ‘आजाद’ हैं. उनके मुताबिक गुलाम नबी आजाद आज कह रहे हैं कि वह 5 अगस्त की स्थिति को वापस लाएंगे, लेकिन जब वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे और अनुच्छेद 370 के निरसन को रोक सकते थे, तो उन्होंने कुछ नहीं किया.’’

अल्ताफ बुखारी ने कहा कि तीन साल बाद अब लोगों को पता चला है कि 5 अगस्त 2019 को गुलाम नबी आजाद ने उस दिन सौदा किया था और अब लोगों को इसकी पूरी जानकारी हो गई है. उन्होंने ये बातें अनंतनाग में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कही. गुलाम नबी आजाद की आलोचना करते हुए अपनी पार्टी के मुखिया अल्ताफ बुखारी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने में उनका भी बराबर का हाथ है.

उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को जब राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाले विधेयक पर बहस हुई, तो बहुमत विपक्ष का था, लेकिन वोट विधेयक के खिलाफ था और गुलाम नबी आजाद ने इसमें अहम भूमिका निभाई. उनके मुताबिक गुलाम नबी आजाद ने मोदी जी के साथ मिलाकर बिल पास किया और आज वह हिमायत कर रहे हैं. अल्ताफ बुखारी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद 5 अगस्त की स्थिति को वापस लाने की बात कर रहे हैं, लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वह जब विपक्ष के नेता थे और अनुच्छेद 370 पर राज्यसभा में विधेयक को रोकने की स्थिति में थे, तो आपने उस समय कुछ नहीं किया.

उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने उस वक्त मोदी से मुलाकात की थी और बिल पास करवाया था. उस दिन उन्होंने (मोदी जी) आपके लिए आंसू बहाए और आपने उनके लिए आंसू बहाए, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी ने कश्मीरियों के आंसुओं पर ध्यान नहीं दिया. अल्ताफ बुखारी ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अब मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है, वे जानते हैं कि गुलाम नबी आजाद ने किसके साथ हाथ मिलाया था.

उनके मुताबिक 5 अगस्त 2019 को गुलाम नबी आजाद ने आज के लिए एक डील की और तीन साल बाद लोगों को पता चला कि आजाद ने उनकी पीठ पीछे बड़ी डील की है. उन्होंने कहा कि आजाद को शर्म आनी चाहिए कि वह अब लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाले विधेयक को पारित कराने में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपनी भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि आजाद साहब ने मोदी के पक्ष में वोट दिया और आज उनका असली चेहरा सामने आ गया है.