जम्मू में गजल संग्रह ‘दश्त-ए-वहशत‘ का विमोचन

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
 ‘दश्त-ए-वहशत‘ का विमोचन
‘दश्त-ए-वहशत‘ का विमोचन

 

आवाज द वाॅयस /जम्मू
 
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने यहां के  अभिनव थिएटर के केएल सहगल हॉल में ‘दश्त-ए-वहशत‘ नामक गजलों के संग्रह का विमोचन किया.जुल्फिकार नकवी की पुस्तक मानव मूल्यों, राष्ट्रीय एकता, भावनात्मक रिश्ते सहित विभिन्न विषयों पर 99 गजलों, कविताओं का संग्रह है.

इस अवसर पर बोलते हुए, सलाहकार खान ने उर्दू शिक्षा में प्रवेश के लिए युवाओं में घटती रुचि पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने उर्दू शिक्षाविदों और भाषा प्रेमियों को इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. उन्होंने भारत की समृद्ध मूल भाषा की विरासत को जीवित रखने में जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रयासों की भी सराहना की.
 
एलजी सिन्हा के सलाहकार ने लेखक को उनकी तीसरी पुस्तक के विमोचन पर बधाई दी. उन्होंने वहां मौजूद लोगों से इनके पिछले कार्यों के प्रति भी दिलचस्पी लेने का अनुरोध किया.
 
बता दें कि लेखक, जुल्फिकार नकवी, इस प्रदेश के प्रमुख साहित्यकारों से एक हैं जिनकी किताबें विदेशों और भारत में अच्छी तरह से पढ़ी जाती हैं. वर्तमान में वह शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मेंढर में अंग्रेजी व्याख्याता हैं.
 
यह कार्यक्रम साहित्यिक संगठनों- तहरीक बका-ए-उर्दू और अंजुमन फारोग-ए-उर्दू द्वारा आयोजित किया गया था. इस अवसर पर उर्दू पृष्ठभूमि के कई शिक्षाविद और साहित्यकार मौजूद थे.